Sunday, April 26, 2009

पैसिंजरों को राहत देने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्परेशन ने तैयारी शुरू कर दी है।

खचाखच भरी मेट्रो में पैसिंजरों को राहत देने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्परेशन ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए मेट्रो ने ऐसे आठ नए कोच खरीदने के लिए ऑर्डर दे दिया है, जो मौजूदा चल रही ट्रेनों में लगाए जाएंगे। मेट्रो का दावा है कि उसे ये नए कोच इस साल अगस्त तक मिल जाएंगे और उसके अगले दो महीने में इन्हें ट्रेनों में जोड़ दिया जाएगा। इसके बाद नई ट्रेनों के साथ-साथ छह कोच वाली इन ट्रेनों के चलने से मेट्रो में भीड़-भाड़ से कुछ राहत मिल सकेगी। दिल्ली मेट्रो के पास इस वक्त 70 ट्रेनों का बेड़ा है और ये सभी ट्रेनें चार-चार कोच वाली हैं। रोजाना 8.5 लाख पैसिंजरों को ढोने वाली इन ट्रेनों में पीक-ऑवर में काफी भीड़ रहती है। इससे पैसिंजरों को परेशानी सहनी पड़ती है। मेट्रो के मौजूदा चार कोच वाली ट्रेनों को बढ़ाने के फैसले से ज्यादा पैसिंजर मेट्रो का इस्तेमाल कर सकेंगे और उन्हें सफर के दौरान आराम भी मिलेगा। वैसे, मेट्रो की नई 131 ट्रेनों के लिए पहले ही ऑर्डर दिया जा चुका था। इन ट्रेनों का दिल्ली पहुंचना भी शुरू हो गया है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्परेशन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अनुज दयाल के मुताबिक, हर कोच में 50 पैसिंजरों के बैठने और 340 के खड़े होने की कपैसिटी है। दो-दो कोच बढ़ाने से छह कोच वाली ट्रेन में पैसेंजर चढ़ने की कपैसिटी 1,560 से बढ़कर 2,340 हो जाएगी। एक्सट्रा कोच लगाने के फैसले से मेट्रो सिस्टम में किसी तरह के बदलाव की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि मेट्रो के सभी प्लैटफॉर्म आठ कोच वाली ट्रेन चलाने में सक्षम हैं। सिर्फ इंद्रलोक-मुंडका, केंद्रीय सचिवालय-बदरपुर और एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के स्टेशन ही ऐसे हैं, जिनकी क्षमता 6-6 कोच की ट्रेन चलाने की है। फिलहाल, चार ट्रेनों के लिए आठ कोच बैंगलुरु में भारतीय अर्थ मूवर्स लिमिटेड के कारखाने में बिना किसी विदेशी कंपनी के सहयोग के बनाए जाएंगे।

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