दिल्ली का आनंद विहार रेल स्टेशन का लक्ष्य अब मार्च २००९ तक
रेल राज्यमंत्री आर. वेलु ने गुरुवार को लोकसभा में बताया कि आनंद विहार रेल टर्मिनल को पूरा करने की नई तारीख सरकार ने मार्च 2009 तय की है। इससे पहले इसे सितंबर 2008 तक पूरा करने की योजना थी। हालांकि स्टेशन की बिल्डिंग लगभग तैयार हो चुकी है, लेकिन कुछ बाधाएं हैं। ऐसे में अब भी डेडलाइन मिस होने की नौबत आई तो हो सकता है कि किसी प्लैटफॉर्म से कुछ ट्रेनें चालू कर दी जाएं। इस स्टेशन को साहिबाबाद से जोड़ने वाली रेल लाइन रोड नंबर 56 पर बने फ्लाईओवर के नीचे से जानी है। फ्लाईओवर के नीचे पहले से तैयार कंक्रीट के बॉक्स को पुश करके फिट किया जाना है। रेलवे के तकनीकी जानकारों का कहना है कि यह काम बेहद जटिल है और इसमें जल्दबाजी नहीं की जा सकती। फ्लाईओवर के ऊपर ट्रैफिक रोकना मुश्किल है। रेलवे इंजीनियरों का मानना है कि मार्च से पहले काम पूरा होने की संभावना नहीं दिख रही है। स्टेशन की एंट्री का रास्ता भी तैयार नहीं हो सका है।
इस एंट्री पाइंट पर पेड़ लगे हुए हैं, जिन्हें काटने के लिए रेलवे ने लगभग डेढ़ साल पहले दिल्ली सरकार के वन विभाग से अनुमति मांगी थी। लेकिन विभाग ने यह अनुमति नहीं दी। बाद में चीफ सेक्रेटरी राकेश मेहता के दखल से विभाग राजी तो हो गया है लेकिन इस बारे में अभी औपचारिक अनुमति नहीं दी गई है। रेलवे इंजीनियरों का कहना है कि अगर बॉक्स पुशिंग में अड़चन नहीं आई तो स्टेशन के बाहर निकलने के रास्ते को ही दोतरफा बनाकर इस टर्मिनल को चालू किया जा सकता है। लेकिन इससे न सिर्फ स्टेशन में प्रवेश और निकलने में दिक्कत हो सकती है बल्कि रोड नंबर 56 पर ट्रैफिक बड़ी समस्या बन सकता है। स्टेशन चालू होने पर रोजाना यहां 50 हजार से ज्यादा लोग आना शुरू कर देंगे। एंट्री पॉइंट का काम पूरा होने में कम से कम चार महीने का वक्त लग सकता है। तीन प्लैटफॉर्म वाले आनंद विहार रेल टमिर्नल के फेज एक का कार्य करने के लिए रेल मंत्रालय ने 2003-04 के बजट में लगभग 85 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की थी, लेकिन इस टर्मिनल का कार्य 2005 में शुरू किया जा सका। तब से इस रेल टर्मिनल का कार्य तो चलता रहा है लेकिन इससे जुड़े कुछ कार्यों में अड़चनें आती रही हैं।
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