गोधरा काण्ड के आरोपियों पर पोटा नामुमकिन, लालू खुश
गुजरात हाई कोर्ट ने सेंट्रल पोटा रिव्यू कमिशन(सीपीआरसी)की सिफारिश को चुनौती देने वाली एक याचिका खारिज कर दी। इस सिफारिश में गोधरा ट्रेन जनसंहार केस में अभियुक्तों के खिलाफ पोटा के तहत आरोप हटाने को कहा गया है। इस फैसले के बाद गोधरा ट्रेन आगजनी कांड में करीब 134 अभियुक्तों का ट्रायल पुराने पोटा कानून के तहत नहीं होगा। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस भगवती प्रसाद और बंकिम मेहता की हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने गोधरा केस संबंधित सभी कार्यवाहियों पर स्टे को आगे बढ़ा दिया। इनमें पोटा कोर्ट से केस को सेशन कोर्ट में ट्रांसफर का मामला भी शामिल है। बेंच ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए याचिकाकर्ता को दो हफ्ते का वक्त दिया। कोर्ट ने इस मामले में सरदारजी मगनजी वाघेला की याचिका खारिज करते हुए सीपीआरसी की सिफारिशों को उचित बताया। सीपीआरसी ने कहा था कि इस मामले में आतंकवाद निरोधक कानून लागू नहीं होता। इसके बावजूद राज्य सरकार अब तक गोधरा ट्रेन जनसंहार के अभियुक्तों को पोटा के तहत आरोपी मान रही थी।
Saturday, February 14, 2009
गोधरा काण्ड के आरोपियों पर पोटा नहीं
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