लोकल ट्रेन मुंबई की जीवनरखा है, यह रेलवे को ध्यान में रखना चाहिये अन्यथा यात्रियों का गुस्सा कुछ भी काण्ड कर सकता है और इसकी जिम्मेवारी रेल अधिकारियों की होगी ,
मुंबई के बोरिवली स्टेशन पर यात्रियों के उत्पात के चलते वेस्टर्न लाइन साढ़े चार घंटे बाधित रहने के बाद सामान्य हो गया है। बोरिवली स्टेशन पर पुलिस को हल्का लाठी चार्ज करना पड़ा। बोरिवली स्टेशन से दो ट्रेनें रवाना की गई हैं। रेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक उम्मीद की जा रही है कि कुछ ही घंटों में हालात बिल्कुल सामान्य हो जाएंगे। बताया जा रहा है कि सुबह 9.10 मिनट की ट्रेन रद्द किए जाने के बाद लोगों का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने रेल की पटरी पर उतरकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। लोगों के प्रदर्शन के चलते रेलवे प्रशासन ने वेस्टर्न लाइन पर ट्रेनें रोक दी गई थीं। वेस्टर्न लाइन पर यातायात रुकने की वजह से इस रूट पर यात्री जहां-तहां फंसे हुए थे। लाखों की संख्या में लोग अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पाए। गौरतलब है कि मुसाफिरों की तादाद को देखते हुए विरार और बोरिवली के बीच लोकल ट्रेनों की संख्या बढ़ाई गई है। ट्रेनों को संख्या बढ़ाने से नए प्लैटफॉर्म की जरूरत पड़ी। बोरिवली स्टेशन पर नई लोकल ट्रेनें प्लैटफ़ॉर्म 7-8 पर लगती हैं, जो प्लैटफॉर्म नंबर एक करीब एक किलोमीटर की दूरी पर है। इसके चलते सामान वगैरह लेकर चलने वाले डेली पैसिजर्स को 7-8 नंबर प्लैटफॉर्म तक पहुंचने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इस वजह से लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। बुधवार को ट्रेनें रद्द होने की घटना में लोगों के गुस्से को हवा दे दी और लोग भड़क गए। पुलिस बल की कमी के चलते लोगों को काबू करना मुश्किल हो रहा था। लोकल ट्रेन को मुंबई की लाइफलाइन भी कहा जाता है। यहां मुख्य रूप से दो लाइनें हैं, सेंट्रल और वेस्टर्न। मुंबई में सड़क यातायात के मुकाबले रेल यातायात का उपयोग करने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। इसी वजह से किसी भी लाइन पर यातायात बाधित होने से लोगों को काफी परेशानी होती है।
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