Thursday, February 5, 2009
सोनिया 10 फरवरी को रोहताश जिले में ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण कार्य की आधारशिला रखेंगी।
रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव बिहार के परेशान ग्राम सेवकों द्वारा राहुल गांधी से सिफारिश किए जाने की गुहार पर भले ही नाराज हो गए, पर गांधी परिवार की मुखिया की अनदेखी करने की हिम्मत वह नहीं जुटा पा रहे हैं। यही वजह है कि अपने गृह राज्य बिहार में बहुचर्चित 'डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर' के पूर्वी हिस्से के निर्माण कार्य की नींव रखने के लिए लालू ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को ही आमंत्रित किया है। रेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, सोनिया 10 फरवरी को रोहताश जिले में ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण कार्य की आधारशिला रखेंगी। इस मौके पर लालू यादव तो मौजूद रहेंगे ही। पिछले महीने ही लालू ने रायबरेली में रेल पहिया कारखाने का शिलान्यास सोनिया से ही करवाया था। गौरतलब है कि सिर्फ माल ढोने के लिए अलग से रेलवे लाइन बनाने की घोषणा रेलमंत्री ने 2005 के बजट में की थी। इसी के तहत ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनाए जाने हैं। लुधियाना से डांकुनी तक बनने वाले ईस्टर्न कॉरिडोर की कुल लंबाई 1,803 किलोमीटर होगी, जबकि वेस्टर्न कॉरिडोर कुल 1,483 किलोमीटर लंबा होगा। यह कॉरिडोर जवाहर लाल नेहरू पोर्ट, मुंबई से तुगलकाबाद और दादरी तक बनेगा। इस काम के लिए 2006 में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉर्परेशन इंडिया लिमिटेड का गठन किया जा चुका है। वेस्टर्न कॉरिडोर की कुल संभावित लागत 23,680 करोड़ रुपये है। इसी के लिए कर्ज लेने लालू यादव पिछले महीने जापान गए थे। इस कॉरिडोर के लिए 16,230 करोड़ रुपये का लोन लिया जाना है। 6,200 करोड़ रुपये रेलवे अपने साधनों से जुटाएगी और 1,250 करोड़ रुपये बजटीय सहायता दी जाएगी। इन दोनों कॉरिडोर का शिलान्यास प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह 2006 में कर चुके हैं। ईस्टर्न कॉरिडोर की कुल संभावित लागत 19,613 करोड़ रुपये है। इसके लिए रेलवे 7,800 करोड़ रुपये अपने साधनों से जुटाएगी और 1,250 करोड़ रुपये बजटीय सहायता मिलेगी। शेष 10,563 करोड़ रुपये लोन लिए जाने हैं। इस लोन के लिए विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक से बातचीत चल रही है। विश्व बैंक से 710 किलोमीटर के लिए तथा एशियाई विकास बैंक से 426 किलोमीटर के लिए लोन मांगा जा रहा है। अभी इस बारे में अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। चुनावी साल में बिहार में अपनी जड़ों को मजबूत करने की कोशिश में लगे लालू यादव अपने खाते में एक और उपलब्धि जोड़ना चाहते हैं। इसी वजह से इस कॉरिडोर के 105 किलोमीटर लंबे ट्रैक का निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू करवाना चाहते हैं। मुगलसराय के निकट न्यूगंज ख्वाजा से सोनानगर के निकट न्यू करवंडिया के बीच बनने वाले इस हिस्से के लिए रेलवे खुद पैसा जुटा रहा है। सोनिया गांधी के हाथों शिलान्यास करवा कर लालू यादव यह साबित करना चाहते हैं कि उन्होंने घोषणा के मुताबिक काम की शुरुआत करवा दी है। यह अलग बात है कि 1,806 किलोमीटर में से सिर्फ 105 किलोमीटर ट्रैक के निर्माण की शुरुआत बस घोषणा पूरी करने जैसा ही है। अभी तक यही तय नहीं है कि पूरे कॉरिडोर के लिए पैसे की व्यवस्था कहां से और कब तक होगी। जो भी हो लालू बिहार के लोगों को यह बता सकेंगे कि उन्होंने अपनी घोषणा पूरी कर दी है। जहां तक परियोजना के पूरे होने का सवाल है। रेल राज्य मंत्री पहले ही लोकसभा में कह चुके है कि ऐसे परियोजनाओं की समयावधि नहीं बताई जा सकती है।
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