गेम्स के दौरान होने वाली होटलों की कमी को लेकर दिल्ली सरकार पहले ही चिंतित है। चूंकि गेम्स से पहले बहुत कम नए होटल तैयार हो पाए हैं इसलिए सरकार को विदेशी टूरिस्टों को ठहराने के लिए बेड ऐंड ब्रेकफॉस्ट के अलावा यमुना किनारे टेंट लगाने जैसी योजनाएं बनानी पड़ी हैं। ऐसे में दिल्ली मेट्रो का नया होटल काफी राहत देगा। इसे द्वारका में सेक्टर 21 में निर्माणाधीन मेट्रो स्टेशन के समीप बनाया जाना है। योजना के मुताबिक, इस होटल में छह ब्लॉक बनाए जाने हैं लेकिन गेम्स से पहले यानी अगले साल अक्टूबर तक इस होटल के तीन ब्लॉक तैयार हो पाएंगे। इन तीन ब्लॉकों में दो सौ कमरे और कन्वेंशन हॉल, मीटिंग रूम आदि होंगे। दिल्ली मेट्रो के सूत्रों का कहना है कि अब वक्त काफी कम रह गया है इसलिए इस होटल को बनाने में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे एक साथ ऊपर और जमीन के नीचे निर्माण चालू किया जा सके। इस तकनीक के तहत पहले ग्राउंड फ्लोर का निर्माण किया जाएगा। इसके बाद इस ग्राउंड फ्लोर के ऊपर और बेसमंट का निर्माण एक साथ किया जा सकेगा। इस तरह ऊपर और नीचे निर्माण कार्य चलता रहेगा। इस तरह कम वक्त में ही यह होटल तैयार किया जा सकेगा। निर्माण कार्य का जिम्मा नामी कंपनी एल ऐंड टी को दिया गया है। दिल्ली मेट्रो ने इस होटल को बनाने के लिए आईएचसी को 3 हेक्टेयर जमीन का यह प्लॉट मुहैया कराया है। चूंकि यहां एफएआर (फ्लोर एरिया रेश्यो) 1.5 रेश्यो के आधार पर है इसलिए कुल मिलाकर होटल के लिए लगभग साढ़े चार हेक्टेयर फ्लोर एरिया के बराबर जगह उपलब्ध होगी। हालांकि मेट्रो ने खुलासा नहीं किया है कि होटल के लिए हुए इस अग्रीमेंट में मेट्रो को कितनी राशि दी गई है लेकिन सूत्रों का कहना है कि होटल के निर्माण का खर्च तो आईएचसी उठाएगी। जब यह होटल शुरू हो जाएगा, उसके बाद भी मेट्रो को नियमित रूप से कुछ राशि मिलती रहेगी। मेट्रो का यह भी कहना है कि गेम्स के बाद इस होटल के तीन और ब्लॉक बनाए जाएंगे यानी लगभग दो सौ कमरे और तैयार होंगे। द्वारका के इस होटल का निर्माण इस नजरिए से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जगह दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से महज दो से ढाई किलोमीटर दूर है। चूंकि होटल से सटा हुआ ही मेट्रो स्टेशन होगा इसलिए टूरिस्टों को यहां से किसी भी जगह जाने में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। दिल्ली मेट्रो की एक्सप्रेस मेट्रो रेल लाइन भी सेक्टर 21 तक पहुंचनी है और यहीं से आगे द्वारका होते हुए इंद्रप्रस्थ व नोएडा तक की मेट्रो रेल लाइन भी जुड़नी है। ऐसे में न सिर्फ कॉमनवेल्थ गेम्स बल्कि बाद में भी उन विदेशी टूरिस्टों के लिए यह होटल पसंदीदा स्पॉट बन सकता है, जो एयरपोर्ट के समीप ही रुकना चाहते हों। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि बेहद कम वक्त में होटल बनाने का चुनौतीपूर्ण कार्य करने वाली दिल्ली मेट्रो को अभी कई स्थानीय विभागों की ना-नुकर का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि मेट्रो ने तय वक्त पर होटल बनाने के लिए यह शर्त भी रखी है कि अगर इन विभागों ने अगर अपनी मंजूरी देने में अड़चन नहीं लगाई तो ही यह होटल गेम्स से पहले तैयार हो सकता है। इन विभागों में दिल्ली अर्बन आर्ट्स कमिशन, दिल्ली सरकार का पर्यावरण विभाग आदि शामिल हैं।
Sunday, June 28, 2009
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