नोएडा की मेट्रो लाइन पर सेक्टर-एक के निकट दो पिलर्स में आई दरार देख
ने वालों का सोमवार को दिन भर जमावड़ा लगा रहा। इन दरारों के बावजूद डीएमआरसी के इंजीनियर सेक्टर-15 स्टेशन का काम पूरा करने में लगे हुए थे। यहां इन दिनों सीढ़ियां, लिफ्ट व एस्कलेटर लगाए जा रहे हैं। दूसरी ओर, जनता के मन में पिलर्स के कारण सेफ्टी को लेकर आशंकाएं बरकरार हैं। डीएमआरसी ने पहले 30 जून तक नोएडा में मेट्रो लाने का टारगेट तय किया था। इसके बाद इसे तीन महीने बढ़ाकर सितंबर के अंत तक कर दिया गया था। डीएमआरसी ने 1 अक्टूबर तक मेट्रो चलाने की घोषणा कर दी थी। अक्टूबर को आधार बनाकर नोएडा साइट पर काम करने वाले इंजीनियर व कंपनियां काम कर ही रहीं थी कि डीएमआरसी चीफ ई. श्रीधरन ने इसका टाइम घटाकर अगस्त कर दिया। इंजीनियरों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इतने कम समय में ज्यादा काम निपटाने में क्वॉलिटी पर असर पड़ेगा। ज्यादातर स्टेशनों का काम अभी भी पीछे चल रहा है। दिन-रात एक करके टारगेट पूरा करने की कोशिश सही नहीं है। अभी भी हालत यह है कि सेक्टर 16 और 18 के बीच सिक लाइन पर बिजली के खंभे लगाए जा रहे हैं। इस टैक पर एकाध जगह केबिल कंडक्टर लगने बाकी हैं। डीएमआरसी के सभी रूटों पर बनने वाले पिलर्स पर नंबर डाले जा चुके हैं। सिर्फ नोएडा का टैक ही ऐसा है, जहां अभी तक नंबर नहीं पड़े हैं। डीएमआरसी के सूत्रों का कहना है कि अभी तक मेट्रो का सारा काम दिल्ली में ही होता रहा है। पहली बार यह दिल्ली की सीमा पार कर यूपी में एंट्री करेगी। डीएमआरसी अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि यमुना स्टेशन से आगे चल रहे सीरियल नंबर के आधार पर ही नोएडा में एंट्री करने के बाद पिलर पर नंबर दिया जाए या यूपी में एंट्री करने के बाद नए सिरे से नंबर तय किया जाए। जांच रिपोर्ट में जिस पिलर नंबर का हवाला दिया गया है वह यूपी में एंट्री करने के बाद 10वां व 14वां है। नैशनल बोटेनिकल गार्डन स्टेशन में बने 33 केवी सबस्टेशन को पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम 31 जुलाई को बिजली से कनेक्ट कर देगा। इस संबंध में सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। निगम के अफसरों ने बताया कि डीएमआरसी चाहे तो 31 जुलाई के बाद इस बिजली को अपनी लाइन के लिए इस्तेमाल कर सकता है। मेट्रो के हर स्टेशन पर बीएसएनएल भी टेलिफोन का एक कनेक्शन लगाने जा रहा है।
ने वालों का सोमवार को दिन भर जमावड़ा लगा रहा। इन दरारों के बावजूद डीएमआरसी के इंजीनियर सेक्टर-15 स्टेशन का काम पूरा करने में लगे हुए थे। यहां इन दिनों सीढ़ियां, लिफ्ट व एस्कलेटर लगाए जा रहे हैं। दूसरी ओर, जनता के मन में पिलर्स के कारण सेफ्टी को लेकर आशंकाएं बरकरार हैं। डीएमआरसी ने पहले 30 जून तक नोएडा में मेट्रो लाने का टारगेट तय किया था। इसके बाद इसे तीन महीने बढ़ाकर सितंबर के अंत तक कर दिया गया था। डीएमआरसी ने 1 अक्टूबर तक मेट्रो चलाने की घोषणा कर दी थी। अक्टूबर को आधार बनाकर नोएडा साइट पर काम करने वाले इंजीनियर व कंपनियां काम कर ही रहीं थी कि डीएमआरसी चीफ ई. श्रीधरन ने इसका टाइम घटाकर अगस्त कर दिया। इंजीनियरों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इतने कम समय में ज्यादा काम निपटाने में क्वॉलिटी पर असर पड़ेगा। ज्यादातर स्टेशनों का काम अभी भी पीछे चल रहा है। दिन-रात एक करके टारगेट पूरा करने की कोशिश सही नहीं है। अभी भी हालत यह है कि सेक्टर 16 और 18 के बीच सिक लाइन पर बिजली के खंभे लगाए जा रहे हैं। इस टैक पर एकाध जगह केबिल कंडक्टर लगने बाकी हैं। डीएमआरसी के सभी रूटों पर बनने वाले पिलर्स पर नंबर डाले जा चुके हैं। सिर्फ नोएडा का टैक ही ऐसा है, जहां अभी तक नंबर नहीं पड़े हैं। डीएमआरसी के सूत्रों का कहना है कि अभी तक मेट्रो का सारा काम दिल्ली में ही होता रहा है। पहली बार यह दिल्ली की सीमा पार कर यूपी में एंट्री करेगी। डीएमआरसी अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि यमुना स्टेशन से आगे चल रहे सीरियल नंबर के आधार पर ही नोएडा में एंट्री करने के बाद पिलर पर नंबर दिया जाए या यूपी में एंट्री करने के बाद नए सिरे से नंबर तय किया जाए। जांच रिपोर्ट में जिस पिलर नंबर का हवाला दिया गया है वह यूपी में एंट्री करने के बाद 10वां व 14वां है। नैशनल बोटेनिकल गार्डन स्टेशन में बने 33 केवी सबस्टेशन को पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम 31 जुलाई को बिजली से कनेक्ट कर देगा। इस संबंध में सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। निगम के अफसरों ने बताया कि डीएमआरसी चाहे तो 31 जुलाई के बाद इस बिजली को अपनी लाइन के लिए इस्तेमाल कर सकता है। मेट्रो के हर स्टेशन पर बीएसएनएल भी टेलिफोन का एक कनेक्शन लगाने जा रहा है।
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