जमरूदपुर में मेट्रो हादसे के बाद अब दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्परेशन(डीएमआरसी) उसकी रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। उम्मीद है कि यह रिपोर्ट मंगलवार शाम या फिर बुधवार सुबह तक दिल्ली मेट्रो को मिल जाएगी। इस बीच हादसे के बाद न सिर्फ बदरपुर बल्कि अन्य मेट्रो रेल लाइनों के निर्माण का काम भी धीमा कर दिया गया है। माना जा रहा है कि अब दिल्ली मेट्रो अपनी लाइनों को तय टाइम टेबल के मुताबिक ही चालू करने की कोशिश करेगी।
पिछले साल अक्टूबर में लक्ष्मी नगर और इसी महीने जमरूदपुर में मेट्रो हादसे के बाद डीएमआरसी पर यह आरोप लगाया गया है कि वह जल्द काम निपटाने के लिए क्वॉलिटी से समझौता कर रही है। जिससे लगातार हादसे हो रहे हैं। डीएमआरसी सूत्रों के मुताबिक इन आरोपों को देखते हुए अब शायद दिल्ली मेट्रो अपनी किसी भी लाइन को तय वक्त से पहले खोलने से बचेगी। उसकी कोशिश यही होगी कि टाइम टेबल के मुताबिक या उससे कुछ दिन पहले ही मेट्रो रेल लाइनों को चालू किया जाए ताकि उस पर जल्दबाजी का आरोप न लगे।
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली मेट्रो के प्रबंध निदेशक ई. श्रीधरन इस समय दिल्ली से बाहर हैं। वह मंगलवार को दिल्ली पहुंचेंगे। दिल्ली आने के बाद मंगलवार शाम या फिर बुधवार सुबह उन्हें इस हादसे की जांच करने वाली कमिटी अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है। इस रिपोर्ट से ही हादसे के कारणों का पता चल पाएगा। वैसे खुद मेट्रो यह मान चुकी है कि इस हादसे की वजह या तो पिलर नंबर 67 की कैप का गलत डिजाइन है या फिर कैप में लगाया गया मटीरिअल ही खराब था। कमिटी इस बारे में अपनी विस्तृत रिपोर्ट देगी। माना जा रहा है कि कमिटी की रिपोर्ट के बाद दिल्ली मेट्रो के कुछ अफसरों पर गाज गिर सकती है। इसकी वजह यह है कि अगर डिजाइन में गड़बड़ है तो मेट्रो में डिजाइन तैयार करने वालों पर कार्रवाई होगी। इससे पहले इस मामले में दिल्ली मेट्रो अपने सबसे वरिष्ठ अधिकारियों में से एक डायरेक्टर विजय आनंद को दिल्ली मेट्रो से उनके मूल विभाग भारतीय रेलवे में वापस भेज चुकी है। इस बीच जमरूदपुर हादसे का शिकार बने पीड़ितों की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में डीएमआरसी और मेट्रो लाइन का निर्माण करने वाली फर्म गैमन इंडिया लिमिटेड के खिलाफ मुआवजे का मामला दायर किया। श्रमिक रेफरल सेंटर की चेअरपर्सन श्रीमती एस. मित्रा चौधरी की ओर से दायर याचिका में हादसे का शिकार बनने वालों के लिए मुआवजे की मांग की गई है।
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