Wednesday, December 10, 2014

महिला यात्रियों की सेफ्टी के लिए इंडियन रेलवे भी अलर्ट

महिला यात्रियों की सेफ्टी के लिए इंडियन रेलवे भी अलर्ट हो गया है। इसके लिए न सिर्फ स्पेशल ऐप तैयार कराया जा रहा है, बल्कि नैशनल लेवल का हेल्पलाइन नंबर भी बनाया गया है। इसके जरिए मुसाफिर चलती ट्रेन में भी सुरक्षा मांग सकते हैं। जल्द ही, रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएएफ) में साढ़े 16 हजार जवानों की एंट्री होने जा रही है।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु के मुताबिक, स्पेशल ऐप के जरिए महिला मुसाफिर चाहें प्लेटफॉर्म पर हों या फिर ट्रेन में, वे इससे सुरक्षा के लिए आरपीएफ की मदद मांग सकेंगी। इसकी शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मुंबई से होगी। इस ऐप को रेलवे सुरक्षा बल की मुंबई यूनिट तैयार करा रही है। इस तरह के भी इंतजाम होंगे कि प्लेटफॉर्म पर लगे माइक्रोफोन को सीधे कंट्रोल रूम से कनेक्ट कर दिया जाए ताकि महिला मुसाफिर को प्लेटफॉर्म पर ही किसी तरह की मदद की दरकार हो तो उसे सिर्फ सीसीटीवी कैमरे के सामने मदद मांगनी होगी। उसमें लगे माइक्रोफोन के जरिए आरपीएफ या फिर रेलवे कंट्रोल रूम तक मेसेज पहुंच जाएगा। मुंबई के सफल प्रयोग के बाद इस ऐप को देशभर में इस्तेमाल किए जाने की योजना है।

रेलवे ने यात्रियों की सेफ्टी के लिए चार अंकों का हेल्पलाइन नंबर भी तैयार किया है। आरपीएफ के महानिदेशक कृष्णा चौधरी के मुताबिक, 1322 नंबर के जरिए पैसिंजर शिकायत सीधे पुलिस तक पहुंचा सकते हैं। हालांकि इस नंबर की औपचारिक शुरुआत नहीं हुई है, लेकिन इसकी सर्विस शुरू हो चुकी है। नॉर्थ समेत 10 जोन में इस सेवा को चालू कर दिया गया है। इस नंबर की खासियत यह है कि अगर पैसिंजर चलती ट्रेन में इस पर मदद मांगता है, तो यह शिकायत सीधे उसी एरिया के कंट्रोल रूम में जाएगी, जिस एरिया से ट्रेन गुजर रही है। आरपीएफ के डीजी का कहना है कि दिक्कत यह होती है कि मुसाफिर अगर सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम में शिकायत करे, तो पहले शिकायत कंट्रोल रूम में जाएगी, उसके बाद जोनल और फिर डिविजनल कंट्रोल रूम में, लेकिन नए नंबर से मुसाफिर को जल्द मदद मिलेगी। चाहे वह महिला हो या पुरुष। इस नंबर को पूरे देश में टोल फ्री कर दिया जाए, जिससे कि मुसाफिर इस नंबर पर मदद मांगने से न हिचकिचाएं।

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