रुड़की विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर और प्रख्यात भूकंप विशेषज्ञ डॉ. आनंद स्वरूप आर्य का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर के लिए मेट्रो के एलिवेटेड ट्रैक का डिजाइन ठीक नहीं है। दिल्ली में जो भी लोग चौथी मंजिल बना रहे हैं वे भी जरा संभलकर अपनी बिल्डिंग बनाएं। इसकी वजह यह है कि दिल्ली और आसपास का इलाका भूकंप क्षेत्र 4 में आता है। समय आ गया है कि लोग अपने घर या कोई भी बिल्डिंग बनाने से पहले उसकी स्ट्रक्चरल इंजीनियर से एक बार स्टडी जरूर करवा लें। यह जानकारी डॉ. आर्य ने एनबीटी से खास बातचीत में दी। वह सेक्टर-1 स्थित कृभको भवन में इंडियन असोसिएशन ऑफ स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स के सेमिनार में हिस्सा लेने नोएडा आए थे। डॉ. आर्य का कहना है कि मेट्रो के एलिवेटिड टैक को लेकर मेरे मन में खतरा है। मेरा मानना है कि मेट्रो टावर का भूकंप के लिहाज से डिजाइन नहीं किया गया है। मैं इसकी विस्तृत स्टडी करने का इच्छुक हूं। जब कैंटिलीवर के डिजाइन में गड़बड़ी पाई गई है, तो दिल्ली सरकार को टावर के डिजाइन की भी भूकंप की दृष्टि से स्टडी करानी चाहिए। जापान में साल 1995 में आए भूकंप में वहां का मेट्रो टैक टूट चुका है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में भूकंप की संभावना हिमालय की तरफ से ज्यादा है। इसका केंद्र देहरादून के नॉर्थ में कहीं भी हो सकता है। इससे दिल्ली और आस-पास के इलाकों को भारी नुकसान हो सकता है। इसके तर्क में वह भुज के भूकंप का हवाला देते हुए बताते हैं कि भुज और अहमदाबाद के बीच लगभग 3 सौ किलोमीटर का अंतर है। भुज के भूकंप से अहमदाबाद में लगभग सौ आरसीसी की बिल्डिंगें गिर गई थीं। इससे 7 सौ के करीब लोगों की मौत हुई थी। दिल्ली में यमुना किनारे दोनों तरफ जो भी मल्टिस्टोरी बिल्डिंगें बन रही हैं, उनमें स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के हिसाब से शुरुआत होनी चाहिए। वह बताते हैं कि दिल्ली के पास वैशाली में एक बीस मंजिला बिल्डिंग बनाई गई है। इस बिल्डिंग के नीचे लगभग 4 फुट मोटी राफ्ट बनाकर बिल्डिंग बनाई गई है। इससे यह भूकंप के लिहाज से सुरक्षित हो गई है। डॉ. आर्य ने बताया कि मल्टिस्टोरी पर असर के पीछे यमुना के आस-पास की मिट्टी का सॉफ्ट होना है। भूकंप के समय इसके दवीकरण होने का खतरा है। वह कहते हैं कि स्वायल की फ्रीक्वेंसी सीमा रेजिस्टेंस के हिसाब से लंबी बिल्डिंगों को ज्यादा प्रभावित करती है। इससे छोटी बिल्डिंगों पर खतरा कम होगा। नोएडा को लेकर हुई स्टडी में यह बात उभरकर सामने आई कि यहां भूकंप आने पर 35 पर्सेंट बिल्डिंगों को हो सकता है नुकसान।
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