झारखंड की एक भूमिगत खान में लगभग 6 महीने से लगी आग से अब रेलमार्गों को खतरा पैदा हो गया है। इस से पहले जमीन के नीचे लगी आग की वजह से रांची-पटना राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद करना पड़ा था। बोकारो जिले में स्थित सेंट्रल कोल फील्ड लिमिटेड (सीसीएल) की कल्याणी परियोजना की 4 से 5 साइट पर जमीन के भीतर लगी आग से गोमो-बड़काखाना रेलमार्ग और बेरमो-चंद्रपुरा-धनबाद राष्ट्रीय राजमार्ग को खतरा पैदा हो गया है। इन खदानों से रेलवे पटरियों की दूरी महज 40 फुट है वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग केवल 10 फुट की दूरी पर स्थित है। खदान के दो किलोमीटर के दायरे में आग लगी हुई है। खान में आग की वजह से 7 अगस्त तक राष्ट्रीय राजमार्ग-33 को बंद रखा गया था। यह राजमार्ग रांची और पटना को हजारीबाग व कोडरमा के रास्ते जोड़ता है। रेलमार्गों को संभावित खतरे को भांपते हुए जिला प्रशासन सीसीएल को आग पर काबू करने के लिए कई बार पत्र लिख चुका है। सीसीएल के प्रवक्ता एम. एन. झा ने बताया, हम आग पर काबू करने की कोशिश कर रहे हैं। हमने कुछ इलाकों में आग पर काबू कर लिया है और अन्य इलाकों में भी प्रयास कर रहे हैं। आग की वजह अवैध खनन है। धनबाद जिले में भी एक दूसरी खदान में आग की वजह से बासजोरा में रेलमार्गों को खतरा पैदा हो गया है। जिला प्रशासन ने इस बारे में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) को पत्र लिखा है। दूसरी ओर रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अभी धनबाद और कतरास रेलमार्गों को खदान में आग से खतरा नहीं है। धनबाद रेलमंडल के प्रवक्ता अमरेन्द्र दास ने कहा, हमारे पास खान सुरक्षा महानिदेशालय और रेलवे के मुख्य खदान सलाहकार का सुरक्षा प्रमाण पत्र है। भविष्य में यदि हमें कोई खतरा महसूस होगा तो हम रेलमार्गों को बदलने में देरी नहीं करेंगे।
Saturday, August 29, 2009
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