इंटरसिटी मेल के लेडीज कोच में दैनिक यात्रियों के बीच बुधवार को फिर झड़प हो गई। इंटरसिटी में लेडीज कोच में पहले से ही पुरुष यात्रियों के भरे रहने की वजह से झगड़ा बढ़ गया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पलवल से फरीदाबाद स्टेशन के बीच तीन जगहों पर ट्रेन रोककर पुरुष यात्रियों को लेडीज कोच से उतारा गया। इस बवाल की वजह से ट्रेन करीब 45 मिनट लेट हो गई। दैनिक यात्री संघ की अध्यक्ष विजय लक्ष्मी कौशिक ने आरोप लगाया कि उन्हें पिछले तीन दिनों से जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इसके बावजूद इस ट्रेन से आरपीएफ एस्कॉर्ट हटा ली गई है। दैनिक यात्रियों ने मामले की शिकायत एडीआरएम से की है। आगरा से नई दिल्ली और फिर गोमती एक्सप्रेस बनकर लखनऊ जाने वाली इंटरसिटी मेल को पिछले कुछ दिनों से आगरा की बजाय ग्वालियर से चलाया जा रहा है। इसकी वजह से ट्रेन में भीड़ बढ़ गई है। बुधवार को आगरा स्टेशन से ही लेडीज कोच में महिला यात्रियों और पुरुष यात्रियों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। आगरा में चढ़ी सोनम का कहना है कि ट्रेन में पुरुष यात्री धमकियां दे रहे थे। मामला हाथापाई तक पहुंच गया था। उन्होंने बचने के लिए दैनिक यात्री संघ की अध्यक्ष विजय लक्ष्मी कौशिक को फोन किया। लक्ष्मी ने पलवल पुलिस को इस स्थिति को सूचना दे दी थी, लेकिन पलवल में कोई पुलिसकर्मी नहीं पहुंचा। कुछ देर बाद आरपीएफ के दो कॉंन्स्टेबल आए और यात्रियों से कहा कि यह लेडीज़ कोच है। इस पर झगड़ा काफी बढ़ गया। इस बीच विजय लक्ष्मी ने असोसिएशन के अन्य सदस्यों को असावटी स्टेशन पर बुला लिया। वहां भी पुलिस नहीं पहुंची। बल्लभगढ़ स्टेशन पर आरपीएफ के जसवंत सिंह और मुख्तियार सिंह मौजूद थे। उन्होंने ट्रेन को यहां दस मिनट रुकवाए रखा और काफी पुरुष यात्रियों को बाहर किया। इसके बाद ट्रेन यहां से रवाना हो गई। ओल्डस्टेशन पर फिर कुछ पुलिस वालों और दैनिक यात्रियों ने मिलकर लेडीज कोच से पुरुष यात्रियों को उतारा। यहां भी ट्रेन करीब 10 मिनट तक खड़ी रही। विजय लक्ष्मी कौशिक का कहना है कि बल्लभगढ़ में उन्हें ट्रेन के अंदर जीआरपी या आरपीएफ के जवान नजर नहीं आए। उन्होंने आरोप लगाया कि जवान एसी डिब्बे में सो रहे हैं। इनमें दो जवान आगरा जीआरपी के भी थे। उन्होंने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व महिला यात्रियों को निशाना बना रहे हैं। पिछले तीन दिनों से ट्रेन में लगातार झगड़ा हो रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ पुरुष यात्रियों ने उन्हें ओखला स्टेशन पर उतरते समय जान से मारने की धमकी भी दी। आरपीएफ इंचार्ज अनुप थर्रान का कहना है कि उन्हें पैसिंजर के फोन आए थे। इसके तुरंत बाद ही उन्होंने जवानों को स्टेशन पर भेज दिया था। अभी तक उन्हें शिकायत नहीं मिली है। दैनिक यात्री संघ बाबू राम वशिष्ठ, महासचिव शांति आर्या, गौतम, किशोर ने घटना की पुष्टि की है।
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