मेट्रो ट्रेनों की नई खेप तैयार है और यह पहले से कहीं ज्यादा स्मार्ट होकर आई है। इसे कमिश्नर रेलवे सेफ्टी की मंजूरी मिलने के बाद अब ट्रैक पर लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। उम्मीद है कि अगले महीने के शुरू में पैसिंजरों को इस ट्रेन में सफर करने का मौका मिलेगा। नई ट्रेन सबसे पहले केंद्रीय सचिवालय-जहांगीरपुरी ट्रैक पर चलने की उम्मीद है। इस ट्रेन के सारे सिस्टम की जांच पूरी करके ट्रायल चल रहा है। ऐसी 13 नई ट्रेनें मेट्रो को मिल चुकी है। न सिर्फ मेट्रो ने इसमें अपना रंग-रूप बदला है, बल्कि मौजूदा ट्रेनों से कुछ अलग हटकर इनमें ढेरों उपयोगी फीचर भी जोड़े हैं। आइए एक नजर डालें - डिजिटल मैप दिखाएगा लोकेशन नई ट्रेन के अंदर गेट के ऊपर पूरे रूट के स्टेशनों का साधारण मैप हटा दिया जाएगा। उसकी जगह डिजिटल मैप लगाया गया है। यानी जो भी स्टेशन आएगा, उस स्टेशन के नाम के आगे लगी बत्ती जल उठेगी। इससे पैसिंजर समझ सकेंगे कि किस स्टेशन पर ट्रेन रुकी है। इसके बाद जब ट्रेन आगे बढ़ेगी तो अगले स्टेशन की लाइट जलेगी। ट्रेन में मोबाइल फोन चार्ज करने की सुविधा भी जोड़ी जा रही है। हर कोच में चार कैमरे : सुरक्षा की वजह से नई ट्रेनों के हर कोच में चार कैमरे लगाए जाएंगे। ये कैमरे पूरे कोच के हर एंगल को कवर करेंगे। यही नहीं, इन कैमरों की रिकॉर्डिंग 8 घंटे तक सुरक्षित रहेगी यानी एक फुटेज को आठ घंटे के अंदर कभी भी देखा जा सकेगा। ये कैमरे सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए हैं। ट्रेन में असामाजिक तत्वों को गड़बड़ फैलाने से रोकने में ये कैमरे अहम रोल निभा सकेंगे। ड्राइवर के कैमरे : पूरी ट्रेन पर एकसाथ नजर रखने के लिए ड्राइवर के कैबिन में रियर व्यू कैमरे लगाए गए हैं। बाहर की तरफ लगे इन कैमरों को मॉनिटर करने के लिए कैबिन में दो स्क्रीन लगे हैं। इनसे ड्राइवर बैठे-बैठे सभी चार कोचों के गेट को चेक कर सकेगा कि क्या सभी पैसिंजर ट्रेन में सवार हो पाए या कहीं कोई गेट पर फंस तो नहीं गया। एक शख्स का हाथ इसी तरह पहले फंस चुका है। हीटर भी होगा : मौजूदा ट्रेनों में एयरकंडीशन तो है लेकिन सदिर्यों के मौसम के लिए हीटर नहीं हैं। सिर्फ फ्रेश एयर की व्यवस्था है। नई ट्रेनों में हीटर भी होगा और बारिश के दिनों में ह्यूमिडिटी कंट्रोल करने का सिस्टम भी लगाया जाएगा। इस तरह से गर्मी ही नहीं सर्दी और बारिश में भी मेट्रो ट्रेनें राहत देंगी।
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