रेलवे मंत्रालय भी गृह मंत्रालय की तर्ज पर अपने कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली स्थापित करने जा रहा है। पहले चरण में रेलवे को प्रमुख दफ्तरों एवं अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों में यह प्रणाली स्थापित की जाएगी। भविष्य में सभी रेलवे मंडलों में भी इसे स्थापित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कर्मचारियों और अधिकारियों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली की शुरुआत की थी। इस प्रणाली में मशीन अंगूठे या चेहरे से व्यक्ति की पहचान कर लेती है। उसे रजिस्टर पर हाजिरी लगाने की जरूरत नहीं रहती। रेलवे के एक बड़े अधिकारी के अनुसार इस प्रणाली की शुरुआत के लिए 4 करोड़ 40 लाख की राशि स्वीकृति की गई है। इस राशि के रेल भवन सहित मुख्य रेलवे कार्यालयों और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों में बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली स्थापित की जाएगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य रेलवे के रिजर्वेशन व अन्य प्रमुख तकनीकी दफ्तरों को पूरी तरह महफूज करना है। इस प्रणाली के बाद कोई भी अनाधिकृत व्यक्ति इन केंद्रों में प्रवेश नहीं कर सकेगा। उक्त अधिकारी के मुताबिक अभी जिस तरह का खतरा सामने आ रहा है उसे देखते हुए ऐसा किया जाना जरूरी हो गया है। रेलवे के सभी जोन के महाप्रबंधकों से कहा गया है कि अपने क्षेत्र के उन सभी प्रमुख कार्यालयों व संस्थानों की पहचान करें जहां बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली स्थापित की जानी है।
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