रेलवे में रोज बन रहे नए नियम व रोज-रोज चल रहे जांच अभियान से यात्रियों
की परेशानी बढ़ती जा रही है। यात्रियों का कहना है कि यदि स्टेशन में सुविधाएं बढ़
जाएं तो राशि खर्च करने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन असुविधाओं के बीच
ही अतिरिक्त राशि वसूली की जाए तो यह रेलवे का गलत निर्णय है।
विगत कुछ दिनों से स्टेशन में अधिकारी पहुंच रहे हैं और अभियान चलाकर वसूली
की जा रही है। सालों पहले स्टेशन को ए ग्रेड का दर्जा प्राप्त हुआ था, बावजूद
अभी तक कोई भी सुविधाएं नहीं मिल सकी। रेलवे की घोषणा के अनुसार स्टेशन में
वाई-फाई, एलसीडी टीवी के जरिए ट्रेनों की जानकारी, स्टेशन में फुव्वारा लगाना समेत कई सुविधाएं उपलब्ध कराना था। लेकिन एक भी
योजना पर अब तक काम शुरू नहीं हो सका है। सारी योजनाएं वास्तविकता की धरातल से
कोसों दूर हैं। ऐसे में यात्री रेलवे के नित नए बदलते नियमों से जहां परेशान हैं,
वहीं स्टेशन में उपलब्ध सुविधाओं से नाखुश हैं।
पिछले कुछ समय से रेलवे में नए नियमों की लिस्ट लंबी होती जा रही है, इसे
देखकर यात्री परेशान हैं। वहीं अधिकारियों का कहना है कि उन्हें जोन से जैसा आदेश
प्राप्त हुआ है, उसी अनुरूप काम कर रहे हैं। जिससे यात्रियों
की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है।
रेलवे नियम तो हर रोज बना रही है लेकिन स्टेशन में अब तक बुनियादी सुविधाओं
का अभाव ही दिखता है। स्टेशन के फर्श कई जगह से टूटे हैं, जिनको
औपचारिकता वश सुधारकर छोड़ दिया गया है। वहीं यात्रियों के लिए खुलने वाला मल्टी
शॉपिंग कॉम्पेलक्स व कई अन्य सुविधाएं जिनका अभाव बना है, जिसका
आज भी यात्री इंतजार कर रहे है।
जानकारों की माने तो बिलासपुर जोन में सबसे ज्यादा आय देने वाला स्टेशन
रायगढ़ है, लेकिन यात्री सुविधाएं नहीं के बराबर हैं। जोन में सबसे
ज्यादा आय देने के बावजूद यह रोज अभियान चलाया जा रहा हैं। किसी भी सुविधा की बात
पर करने पर रेलवे बजट में कमी का रोना रोने लगता है।
लोगों का कहना है कि रेलवे में रोज नियम बदलकर ट्रेनों का किराया बढ़ाया जा
रहा है, पर सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जाता है। जिसे लेकर
यात्रियों में रेलवे के प्रति गलत छबि बन रही है। अभी भी कई योजनाएं ऐसी हैं जिनकी
घोषणाएं तो हो चुकी है, लेकिन उनके उपलब्ध होने में समय लग
रहा है।
कई योजनाएं ऐसी है जिनका टेंडर ठेकेदारों द्वारा नहीं भरे जाने से योजनाएं
अधूरी छूट रही है। एलसीडी के लिए निकाला गया टेंडर हो या फिर रेलवे मल्टीप्लैक्स
या फिर कर्मचारियों के साथ स्टेशनों में सुविधा उपलब्ध कराना। ऐसी कई चीजें है
जिनमें टेंडर लेने वालों का इंतजार किया जा रहा है।
मंत्रालय में सारी प्रक्रिया चल रही है। स्टेशन को मिलने वाली वाई-फाई व
अन्य सुविधाएं आगामी वर्ष तक पूर्ण होने की संभावना है।
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