Friday, December 11, 2015

रेलवे ने नए कोच में अधिकांश हिस्सों में एलईडी लगाया

ट्रेन के सफर में यात्रियों को एलईडी कुछ इस तरह से चुभी कि लगने से पहले ही रेलवे ने इसे बाहर कर दिया। अब यात्रियों की सुविधा के हिसाब से इसकी डिजाइन में बदलाव किया जा रहा है। इसके बाद ही ट्रनों में एलईडी लगेगी।
हाल ही में रेलवे ने कोचों में सीएफएल की जगह एलईडी लगाने का प्रस्ताव तैयार किया था। कुछ ट्रेनों में ट्रायल के रूप में इसे लगा भी दिया गया। लेकिन पैसेंजर फीडबैक में यात्रियों को कोच में एलईडी पसंद नहीं आ रही। उन्हें यह लाइट चुभ रही है। हालांकि रेलवे बोर्ड ने देश में सभी जोनों को अपने दफ्तर में जरूरी एलईडी लगाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
अब तक यह हुआ है
- रेलवे ने नए कोच में अधिकांश हिस्सों में एलईडी लगाया जा रहा था।
- कुछ पुराने कोच में बाथरूम के बाहर भी एलईडी लगाई गई है
- अधिकांश सिग्नल और प्लेटफार्म पर भी इनका उपयोग किया जा रहा है
- सभी कोच के रास्ते और कैबिन में सीएफएल की जगह एलर्डडी लगनी है
- बाथरूम के अंदर भी एलईडी ही लगाई जानी है
- कोच डोर के पास भी इनका प्रयोग होना है
- पैसेंजर से रेल सुविधा का फीडबैक लिया
- इसमें कोच में लगी एलईडी के बारे में भी पूछा
- अधिकांश पैसेंजर का कहना है कि इसकी लाइफ उन्हें चूभती है
- इस वजह से रात के वक्त कोच के लाइट बंद करनी पड़ती है
अब यह कर रहा रेलवे
- इस फीडबैक के बाद रेलवे कई बदलाव कर रहा है
- इसमें फिलहाल एलईडी की जगह सीएफएल ही लगाए जाएंगे
- एलईडी की नई डिजाइन पर काम चल रहा, ताकि चूभे ना
- इन्हें लगाकर चेक किया जाएगा, फिर इसका उपयोग होगा
आधुनिक रेल कोच में किए जा रहे बदलाव में उपयोग की जा रही सीएफएल की जगह रेलवे को एलईडी का उपयोग करना है। वह कोच ही नहीं बल्कि कैबिन, सीट के उपर और रास्ते में भी इन्हें लगाना चाहता है। हाल ही में भोपाल से दिल्ली के बीच ट्रेन में यह उपयोग किया गया। इससे रेल इंजन की बैटरी पर 60 फीसदी कम लोड़ पड़ता। प्रकाश व्यवस्था की लागत भी कम जाती । इतना ही नहीं इन बल्ब के मेंटनेंस पर भी रेलवे को आधा ही खर्च करना पड़ता।
हालांकि रेलवे बोर्ड ने कोच की बजाए रेलवे के दफ्तर में एलईडी का उपयोग बढ़ाने के निर्देश जारी किए है। नए आदेश में देशभर के सभी जोन और उनके मंडलों को सीएफएल की जगह एलईडी लगाने का आदेश दिया है। बोर्ड ने कहां है कि नए दफ्तर में इनका प्रयोग करना है साथ ही जो सीएफएल फ्यूज हो रही हैं, उनकी जगह अब एलईडी ही लगाना है। यही वजह है कि इन दिनों 1 लाख एलईडी पश्चिम मध्य रेलवे के कर्मचारियों को बांटी जाना है।

यात्रियों का एलईडी की लाइट चुभने जैसी बातें सामने आ रही है। इसलिए एलईडी लगाने वाले शेप की नई डिजाइन पर काम कर रहे हैं, ताकि यह समस्या न आए। हॉ यह जरूर है कि रेलवे बोर्ड ने अपने नए दफ्तर में एलईडी लगाने कहा है। यह भी निर्देश दिए हैं कि पुरानी सीएफएल को बदलें तो एलईडी ही लगाए।

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