दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने ट्रेनों के आरक्षित टिकटों में फर्जीवाड़े को
रोकने की कवायद शुरू कर दी है। नए साल से आरक्षित टिकटों में बार कोड दर्ज किया
जाएगा। रेल अफसरों का मानना है कि इस प्रक्रिया से फर्जीवाड़ा पर पूरी तरह से लगाम
कसा जा सकेगा।
रेलवे के भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार ट्रेनों के आरक्षित टिकटों में बार
कोड दर्ज करने के लिए रेलवे ने अपने सॉफ्टवेयर में बदलाव की तैयारी कर ली है। इसके
लिए क्रिस द्वारा सॉफ्टवेयर को अपडेट करने का काम तेजी से चल रहा है। कोशिश है कि
दिसम्बर माह के आखिरी सप्ताह में नए सॉफ्टवेयर को अपडेट कर लिया जाए।
इसके बाद इस सॉफ्टवेयर को प्रायोगिक तौर पर जांचा
जाएगा और फिर नए साल 2016 से आरक्षित श्रेणियों के टिकटों में बार कोड दर्ज होना
शुरू हो जाएगा। इस संबंध में रेलवे के अधिकारियों से पूछे जाने पक उनका कहना था कि
फिलहाल यह प्रक्रिया में है। आने वाले दिनों में बार कोड दर्ज टिकट मिलने लगेगी।
बार कोड से असली-नकली टिकट की जांच करना सरल हो जाएगा। आरक्षण केंद्र और
मुख्य स्टेशन प्रबंधक कार्यालय में विशेष मशीन में टिकट स्वैप करने पर बार कोड के
आधार पर टिकट की जांच की जा सकेगी। टिकट में किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर तत्काल
पता चल जाएगा। इस कवायद से टिकट दलालों के फर्जीवाड़े पर पूरी तरह से अंकुश लग
सकेगा। वहीं निजी बुकिंग एजेंट भी यात्रियों के साथ धोखाधड़ी नहीं कर सकेंगे।
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