इस महीने के शुरू में देश के तीन राज्यों की छह ट्रेनों में आगजनी हुई थी।
हालांकि कोई बड़ी हानि नहीं हुई और रेलवे ने सामान्य घटना मानकर उन्हें ठंडे बस्ते
में डाल दिया गया हो, लेकिन सुरक्षा अधिकारियों के मन में एक बड़ी शंका घर कर गई
है। उन्हें आशंका है कि कहीं यह आतंकी हमले का ट्रालय तो नहीं?
एचटी की खबर के मुताबिक, अधिकारियों का मानना है कि यह
यात्रियों से खचाखच भरी ट्रेन में आग लगाने का ट्रायल रन हो सकता है। इस एंगल से
घटनाओं की जांच शुरू कर दी गई है और चार संदिग्ध जेहादियों की तलाश भी शुरू कर दी
गई है।
गृहमंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि आतंक से तार जुड़ने के
बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को जांच सौंप दी गई है। यह संयोग
है कि यह सब घटनाक्रमम 26/11 मुंबई आतंक हमले की सातवीं बरसी
पर हुआ।
कहां-कहां लगी थी आग
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ट्रेन मे आग लगने का पहला मामला 4 नवंबर
को सामने आया था। तब हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर खड़ी ऋषिकेश-दिल्ली पैसेंजर के चार
खाली डिब्बों में आग लग गई थी।
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इसके बाद 12 नवंबर को पश्चिम बंगाल
के खड़गपुर और ओडिशा के भुवनेश्वर तथा पुरी की कुल पांच ट्रेनों में आग लगने की
सूचना आई।
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हरिद्वार की तरह इन दो राज्यों में भी
खाली ट्रेनों को निशाना बनाया गया।
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सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तमिलनाडु के
सुभाष रामचंद्रन को हिरासत में लिया गया है।
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रामचंद्रन ने 12 नवंबर
को कोलकाता से खड़गपुर और फिर भुवनेश्वर और पुरी की यात्रा की थी।
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रामचंद्रन ने शुरू में खुद को मानसिकतौर
पर बीमार बता कर अधिकारियों को धोखा देने की कोशिश की, लेकिन
सख्त पूछताछ के बाद उसने चौंकाने वाले खुलासे किए।
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उसने बताया कि ऐसे करने के एवज में चार
मुस्लिम युवकों ने उसे पैसे दिए थे। पटाखों के विस्फोट से आग लगाने की शुरुआत की
गई थी।
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रामचंद्रन के मुताबिक, चारों
मुस्लिम महाराष्ट्र के हो सकते हैं और इससे पहले हुए एक अन्य ट्रेन हमले में उनका
हाथ था।
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1 मई 2014 को चेन्नई में
बेंगलुरू-गुवाहाटी एक्सप्रेस में हुए दोहरे धमाके में एक महिला की मौत हो गई थी,
जबकि 14 अन्य घायल हुए थे।
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अधिकारियों को आशंका है कि इसके पीछे
मप्र की खंडवा जेल से भागे सिमी आतंकियों का हाथ हो सकता है। आईएम से लिंक को लेकर
भी जांच जारी है।
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