ट्रेनों में अब वीवीआईपी को पांच घंटे पहले सीट आवंटित होगी। अभी तक कोटा
आवंटित न होने तक अफसर मनमानी कर चार्ट बनाने की प्रक्रिया रुकवा देते थे। नए नियम
के मुताबिक कोटा आवंटित हो या नहीं कंप्यूटर खुद चार्ट बना देगा। सोमवार को एसएमएस
कर इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए थे। इसके तहत 18 नवंबर
से चार्ट चार घंटे पहले बनाने की नई व्यवस्था लागू हो रही है। अन्य जोन की तरह
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में भी यह व्यवस्था लागू हो रही है।
दरअसल चार्ट को देरी से बनाने का मुख्य कारण वीवीआईपी कोटा है। अलॉटमेंट
देरी से होने के कारण चार्ट बनाने की प्रक्रिया रुकी रहती है जिसका खामियाजा
मुसाफिरों को भुगतना पड़ता है। नेट हो या रेलवे की पूछताछ सेवा, मुसाफिर
बार-बार चेक करता रहता है कि उसकी सीट कंफर्म हुई या नहीं। वहीं अफसर इस माथापच्ची
में रहते हैं कि किस वीवीआईपी को सीट अलॉट करें। ट्रेनों में हर क्लॉस में
वीवीआईपी कोटे की सीटें होती हैं।
कई बार शताब्दी, राजधानी, दूरंतो, गरीब रथ जैसी ट्रेनों में वीवीआईपी की सीटें अधिक देने की सिफारिश आ जाती है।
चार्ट चार घंटे पहले बनाए जाने के कारण अब आधा घंटा पहले तय करना होगा। ऐसा नहीं
हुआ तो कंप्यूटर खुद चार्ट बना देगा। चार्ट तैयार होने के तुरंत बाद एक बार फिर
उक्त ट्रेन के लिए मौजूद आरक्षण पीआरएस खिड़कियां व इंटरनेट (ई- टिकट) पर खुल जाएगा
और यात्री सीट खाली रहने की स्थिति में अगर आरएसी या प्रतीक्षा सूची नहीं है तब
लंबी दूरी या फिर कम दूरी की यात्रा के लिए ट्रेन में सीट बुक करा सकते हैं। यह
प्रकिया पूरी होने के बाद दूसरा चार्ट ट्रेन छूटने के आधे घंटे पहले जारी होगा। जो
सीधे टिकट चेकिंग स्टॉफ को उपलब्ध कराया जाएगा। रेलवे का मानना है कि इस नई
व्यवस्था से सीटों की अधिकतम उपयोग होगा।
ई-टिकट वालों को राहत
चार घंटे पहले चार्ट बनने से ई-टिकट बनवाने वाले मुसाफिरों को सबसे ज्यादा
राहत मिलेगी। अब सीटें खाली होने पर आधा घंटा पहले एक चार्ट बनेगा। इसके जरिए ई
टिकट वाले मुसाफिर आधा घंटा पहले भी टिकट बुक करा सकेंगे। इस दौरान सीट खाली होने
की स्थिति में उन्हें कंफर्म सीट मिल जाएगी और वे आराम से सफर कर सकते
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