ट्रेन से 80 लाख की ज्वेलरी से भरा बैग चोरीहो गया, लेकिन उसके चेहरे पर जरा सी शिकन नहीं थी। उसने तत्काल ट्रेन से ही
इंश्योरेंस कंपनी के एक एजेंट को मोबाइल लगाया और पूछा कि क्लेम लेने के लिए
क्या-क्या जरूरी है। फिर वह ट्रेन की सीट के नीचे वापस अपना सारा सामान रखकर उसकी
फोटो खींचने लगा। शिकायतकर्ता के पास बैठे पैसेंजर के इस बयान ने जीआरपी के सामने
मामले की पूरी तस्वीर साफ कर दी। पुलिस ने इस मामले में खुलासा किया है कि ज्वेलरी
का बैग चोरी नहीं हुआ था, बल्कि क्लेम लेने के लिए झूठा मामला
बनाया गया। पूरे मामले का डायरी में लाने के लिए जीआरपी को 500 पन्नों की डायरी बनानी पड़ी।
डेढ़ करोड़ रुपए ट्रैक्स देते थे, फिर भी...
मुम्बई के व्यापारी ने इंश्योरेंस लेने के लिए हर काम अपना एक नंबर में
किया। आयकर से लेकर टीडीएस जमा करने तक के एक-एक दस्तावेज संभालकर रखे। इतना ही
नहीं व्यापारी साल में डेढ़ करोड़ इनकम टैक्स और टीडीएस जमा करता है। छानबीन में इन
दस्तावेजों को देखने के बाद यह समझ आया कि ज्लेवरी के काम में कहीं भी गड़बड़ी न
होना, कहीं ने कहीं संदेह पैदा कर रहा था।
मुम्बई से यूजी तक पैसेंजर के बयान दर्ज
- पूरे
मामले को सामने लाने के लिए जीआरपी ने 13 टीम बनाई
- एक को
गोपनीय तरीके से मुम्बई पूरा और दूसरी टीम को सर्वाजनिक रखा
- कोच
में सफर कर रहे हर पैसेंजर की जानकारी मांगवाई गई
- एक-एक
पैसेंजर के ऑडियो-वीडियो बयान दर्ज हुए
- पैसेंजर
के बयान एक थे, लेकिन व्यापारी, एजेंट
बयान बदल रहे थे।
किसकी क्या भूमिका
1.व्यापारी
मुकेश रायमलानी और मनीष रायमलानी- मुम्बई में हीरो-जवाहरात को थोक का बिजनेस,
जबलपुर के कई ज्वेलरी संचालकों को माल बेचते हैं।
2.एजेंट
भामिल तोमड़िया- व्यापारी का एजेंट, जो माल की सेलिंग करने से
लेकर माल की डिलेवरी तक का काम करता है।
3. कानूनी
सलाहकार और मित्र अशोक जैन- यह पहले एडवोकेट थे, अब व्यापारी
के कानूनी सलाहकार की जिम्मेदारी निभाते हैं।
इनसे मिली क्लू
- फोन
की डिटेल
- रिजर्वेशन
चार्ट
- स्टेशन
के कैमरे
- पैसेंजर
के बयान
बार-बार बदले बयान
- व्यापारी का
कहना था कि उसे मुम्बई में अपनी दुकान से माल बैग में रखा और फिर उसे लेकर घर आया
और फिर अपने एजेंट को दे दिया। इधर एजेंट का कहना था कि वह खुद बैग लेकर दुकान से
घर आया और फिर वहां से स्टेशन चला आया। शिकायतकर्ता के एक बयान ने जांच अधिकारियों
का चौंका दिया। उसने बताया कि वह सुबह ट्रेन में मुम्बई से बैठा और इटारसी तक गेम
खेलते आया। इटारसी से जबलपुर के बीच 3 घंटे के सफर में वह सो
गया
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