रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे स्टेशनों पर नरेंद्र मोदी के
स्वच्छ भारत अभियान को आगे बढ़ाने के लिए सुझाव दिया कि रेल विभाग के अफसर स्टेशन
कैंपस में सफाई सुनिश्चित कराने के लिए एक-एक स्टेशन को गोद ले सकते हैं। रेलवे
स्टेशनों को स्वच्छ और सुरक्षित रखने के लिए प्रभु ने प्लेटफॉर्म पर खाद्य सामग्री
पकाने पर रोक लगाने और रेंस्टोरेंट समेत कमर्शल स्टॉलों को प्लेटफॉर्म से हटाने की
भी वकालत की। योजना के मुताबिक करीब 700 स्टेशनों की पहचान की गई है, जिन्हें अगले महीने से साफ-सफाई
के लिए अधिकारी गोद लेंगे।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और अन्य संबंधित अधिकारियों को भेजे एक
नोट में प्रभु ने कहा है कि रेलवे में साफ-सफाई किसी एक की जिम्मेदारी नहीं है।
साफ-सफाई की जिम्मेदारी नहीं लेने के लिए चिकित्सा, व्यवासयिक और इंजीनियरिंग शाखाओं
में खींचतान लगातार चलती रहती है। उन्होंने कहा, 'रेलवे के पास तकरीबन उतने ही
अधिकारी (ए और बी श्रेणी) के हैं, जितने कि रेलवे स्टेशन हैं। यह अच्छा विचार हो सकता है कि सफाई
के उद्देश्य से एक स्टेशन को एक अधिकारी गोद ले ले।''
देश भर में करीब 7,500 रेलवे स्टेशन हैं, लेकिन साफ-सफाई के लिए केवल 700 स्टेशनों को चुना जा रहा है। रेल
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर
स्वच्छता अभियान शुरू किया था। तत्कालीन रेल मंत्री सदानंद गौडा ने स्वच्छ भारत
अभियान के तहत खुद झाडू उठाकर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सफाई की थी। अब नए रेल
मंत्री इस अभियान को समर्पित तरीके से फिर से शुरू करने के उत्सुक हैं। अभियान को
आगे बढ़ाने के विचार के तहत प्रभु ने प्लेटफॉर्म पर खाद्य सामग्री पकाने पर
प्रतिबंध लगाने के साथ ही स्टॉलों और भोजनालयों को हटाने की मांग भी की है।
प्लेटफॉर्म पर खाद्य सामग्री पकाना अस्वच्छता बढ़ाने वाले कारकों में शामिल है।
इसे सुरक्षा के लिए भी खतरा समझा जाता है।
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