नए रेलमंत्री के ड्राइविंग सीट संभालते ही
एफडीआई और पीपीपी को टॉप गियर में डाल दिया है। गुरुवार को घरेलू और विदेशी निवेश
के बारे में न सिर्फ गाइडलाइंस जारी कर दी गईं बल्कि प्रॉजेक्ट्स की लिस्ट भी जारी
कर दी गई। इनमें दो हाईस्पीड रेल कॉरिडोर के अलावा 13 रेलवे स्टेशनों को भी शामिल किया गया है। जारी गाइडलाइंस में
तमाम कामों की लिस्ट जारी की गई है। हाईस्पीड ट्रेन, सबअर्बन
कॉरिडोर प्रॉजेक्ट्स, डेडिकेटेड फ्रेट लाइंस, इंजन व कोच, रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन, सिग्नलिंग सिस्टम, पैसेंजर टर्मिनल्स, नॉन कन्वेंशनल सोर्स ऑफ एनर्जी, बायो टॉयलेट्स जैसे
क्षेत्रों के लिए 100 पर्सेंट डोमेस्टिक और फॉरेन डायरेक्ट
इनवेस्टमेंट की इजाजत दी गई है।
रेलवे ने नौ अहम क्षेत्रों की पहचान करके लिस्ट जारी कर दी है, जहां जल्द ही एफडीआई या फिर घरेलू इनवेस्टर्स के जरिए 100 पर्सेंट या पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए योजनाओं पर अमल किया जाएगा।
रेलवे ने नौ अहम क्षेत्रों की पहचान करके लिस्ट जारी कर दी है, जहां जल्द ही एफडीआई या फिर घरेलू इनवेस्टर्स के जरिए 100 पर्सेंट या पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए योजनाओं पर अमल किया जाएगा।
सबसे
अहम मुम्बई स्थित छत्रपति शिवाजी टर्मिनल से पनवेल के बीच 49 किमी सबअर्बन कॉरिडोर शामिल
है। इस पर 14 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे पब्लिक
प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए तैयार किया जाएगा। इस स्कीम में रेलवे वीजीएफ यानी
वायाबिल्टी गैप फंडिंग (वीजीएफ) करेगी। इसके तहत यह मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट और उससे
होने वाली आमदनी के बीच जो घाटा रह जाएगा, वह रेलवे देगी।
फिलहाल रेलवे ने वीजीएफ की सीमा 20 फीसदी तय की है।
इसी तरह से दो हाईस्पीड ट्रेन प्रॉजेक्ट्स को भी इस लिस्ट में रेलवे ने जगह दी है। इनमें मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड कॉरिडोर और चेन्नै-बेंगलुरू-मैसूर रूट शामिल है। इन्हें दो सरकारों के सहयोग से तैयार कराया जाएगा और इसमें भी वीजीएफ का प्रावधान रहेगा। इसी तरह ईएमयू और एमईएमयू के 500 कोच भी बीओटी के आधार पर तैयार कराए जाएंगे।
आगरा से ग्वालियर के 118 किमी के रूट पर आटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम और ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम लगाने, ग्वालिया से बुरपुरा के 126 किमी के रूट और फिर बुरपुरा से बीना तक के रूट पर भी इसी तरह से ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम लगाए जाएंगे।
लिस्ट में जिन 13 रेलवे स्टेशनों को टर्मिनल के रूप में डेवलप करने का फैसला गया है, उनमें हबीबगंज, शिवाजी नगर, सूरत, चंडीगढ़, गांधी नगर, मंगलूर, एर्नाकुलम, विजयवाड़ा, नागपुर, बयापहाली और न्यू भुवनेश्वर शामिल हैं।
इसी तरह से दो हाईस्पीड ट्रेन प्रॉजेक्ट्स को भी इस लिस्ट में रेलवे ने जगह दी है। इनमें मुंबई-अहमदाबाद हाईस्पीड कॉरिडोर और चेन्नै-बेंगलुरू-मैसूर रूट शामिल है। इन्हें दो सरकारों के सहयोग से तैयार कराया जाएगा और इसमें भी वीजीएफ का प्रावधान रहेगा। इसी तरह ईएमयू और एमईएमयू के 500 कोच भी बीओटी के आधार पर तैयार कराए जाएंगे।
आगरा से ग्वालियर के 118 किमी के रूट पर आटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम और ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम लगाने, ग्वालिया से बुरपुरा के 126 किमी के रूट और फिर बुरपुरा से बीना तक के रूट पर भी इसी तरह से ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम लगाए जाएंगे।
लिस्ट में जिन 13 रेलवे स्टेशनों को टर्मिनल के रूप में डेवलप करने का फैसला गया है, उनमें हबीबगंज, शिवाजी नगर, सूरत, चंडीगढ़, गांधी नगर, मंगलूर, एर्नाकुलम, विजयवाड़ा, नागपुर, बयापहाली और न्यू भुवनेश्वर शामिल हैं।
No comments:
Post a Comment