केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के मुताबिक भारतीय रेल इस समय
बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही है। चुनौती यही है कि रेलवे को इस कठिनाई से कैसे
बाहर निकाला जाए। जिस तरह के हालात हैं उसमें यात्रियों को सुरक्षित और संरक्षित
तरीके सेस पहुंचाना एक गंभीर चुनौती है। इसके बावजूद रेल मंत्रालय और खुद पीएम
मोदी चुनौती से निपटने के लिए कई उपाय कर रहे हैं।
बुधवार को केंद्रीय रेल
राज्यमंत्री मनोज सिन्हा गोरखपुर में थे। उन्होंने गोरखपुर जंक्शन पर गोरखपुर-पुणे
ट्रेन को साप्ताहिक की जगह रोजाना, गोरखपुर
आनंद विहार विशेष साप्ताहिक ट्रेन और गोरखपुर-नौतनवा के बीच नई ट्रेन का शुभारम्भ
किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि रेल से लोगों को उम्मीद बहुत है, जबकि संसाधन बहुत कम। आजादी के बाद
से अब तक रेल यात्री संख्या में इस गुना बढ़ोतरी हो चुकी है, जबकि रेल के संसाधनों में करीब दो
गुना ही वृद्धि हुई है। पीएम के निर्देश पर ही रेलवे में पांच साल के भीतर करीब
साढ़े आठ लाख करोड़ का निवेश होगा। चूंकि पीएम मोदी पूर्वांचल से सांसद हैं इसलिए
रेलवे के विकास का फायदा पूर्वांचल को मिलेगा।
क्षमता की अंतिम सीमा तक चल रहे :
रेल राज्यमंत्री ने बताया कि इस समय 472 रेल
खंड अपनी सौ प्रतिशत क्षमता पर चल रहे हैं। हाल यह है कि इलाहाबाद से मुगलसराय के
बीच हर ट्रेन दो से तीन घंटा लेट हो जाती है। वहां तीसरी लाइन बनाने पर विचार हो
रहा है।
अब 26 कोच की ट्रेन चलाएंगे : उन्होंने बताया कि अब तक 24 कोच की ट्रेन सबसे लम्बी मानी जाती
रही है। लेकिन अब रेलवेे 26 कोच
की ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहा है, ताकि
सबको जगह मिल सके।
रेल हादसे पर अभी कुछ नहीं कहूंगा
: बछरावां रेल हादसे के बाबत एक सवाल पर रेल राज्यमंत्री ने कहा कि मैं अभी कुछ
नहीं कहूंगा। इस हादसे की जांच हो रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहना
उचित होगा।
रतन टाटा को कायाकल्प की
जिम्मेदारी : मनोज सिन्हा ने बताया कि रेलवे की बेहतरी के लिए पीएम मोदी के
निर्देश पर कायाकल्प काउंसिल का गठन किया गया है। इस काउंसिल की जिम्मेदारी रतन
टाटा को दी गई है। काउंसिल जो सुझाव देगी, उस
पर काम किया जाएगा।
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