हाईस्पीड ट्रेन के लिए प्रस्तावित तीनों कॉरिडोर पर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) तैयार करने का काम जल्द ही शुरू हो सकता है। इसके लिए नए बनने वाले निगम को 100 करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी भी दी गई है। निगम के गठन की प्रक्रिया 2 महीने में पूरी कर ली जाएगी।
सूचना व प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने बताया कि गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की मीटिंग में इस प्रस्ताव पर सहमति की मुहर लग गई। एनसीआरटीसी का गठन कंपनी ऐक्ट 1956 के तहत किया जाएगा, जिसका मकसद एनसीआर के लोगों को ट्रांसपोर्ट की बेहतर और तेज सुविधाएं मुहैया कराना है।
प्रस्ताव के मुताबिक, निगम के पास अधिकार होगा कि वह नई कंपनियां बनाकर तीनों कॉरिडोर अलग-अलग तैयार करने का काम उन्हें दे सकता है। गौरतलब है कि एनसीआरपीबी ने आसपास के प्रमुख शहरों तक दिल्ली की आसान कनेक्टिविटी के लिए कुल 8 आरआरटीसी का प्रस्ताव तैयार किया है। इनमें से प्राथमिकता वाले 3 कॉरिडोर तैयार करने के लिए बोर्ड ने 2011 में राजस्थान, हरियाणा, यूपी और दिल्ली सरकारों के साथ एमओयू साइन किया था।
सूचना व प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने बताया कि गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की मीटिंग में इस प्रस्ताव पर सहमति की मुहर लग गई। एनसीआरटीसी का गठन कंपनी ऐक्ट 1956 के तहत किया जाएगा, जिसका मकसद एनसीआर के लोगों को ट्रांसपोर्ट की बेहतर और तेज सुविधाएं मुहैया कराना है।
प्रस्ताव के मुताबिक, निगम के पास अधिकार होगा कि वह नई कंपनियां बनाकर तीनों कॉरिडोर अलग-अलग तैयार करने का काम उन्हें दे सकता है। गौरतलब है कि एनसीआरपीबी ने आसपास के प्रमुख शहरों तक दिल्ली की आसान कनेक्टिविटी के लिए कुल 8 आरआरटीसी का प्रस्ताव तैयार किया है। इनमें से प्राथमिकता वाले 3 कॉरिडोर तैयार करने के लिए बोर्ड ने 2011 में राजस्थान, हरियाणा, यूपी और दिल्ली सरकारों के साथ एमओयू साइन किया था।
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