Thursday, May 23, 2013

संदेहास्पद और इलीगल ट्रांजैक्शन के मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।


 कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री (एमसीए) ने उन सभी 105 कंपनियों के बही-खाते की जांच का आदेश दिया है, जो बीजेपी के मुताबिक फॉर्मर रेलवे मिनिस्टर पवन कुमार बंसल के रिश्तेदारों की हैं। संदेहास्पद और इलीगल ट्रांजैक्शन के मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं।

एक सीनियर सरकारी ऑफिसर ने बताया कि सभी रीजनल डायरेक्टोरेट और उनके तहत आने वाले रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (चंडीगढ़, चेन्नै, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, बेंगलुरु और कोलकाता) को 105 कंपनियों की बुक्स की तकनीकी जांच एक महीने में पूरी करने के लिए कहा गया है। इससे पहले बीजेपी लीडर और पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था कि ये सभी कंपनियां बंसल के रिश्तेदारों की है। महीने पर पहले सीबीआई के बंसल के भांजे विजय सांगला के खिलाफ रिश्वत लेने का मामला दर्ज करने के चलते उन्हें रेलवे मिनिस्टर का पद छोड़ना पड़ा था।

सोमैया ने एमसीए सेक्रेटरी को 14 मई को लेटर लिखा था। उसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि इन कंपनियों के प्रमोटर बंसल के परिवार के लोग और उनके करीबी हैं। सोमैया ने यह भी कहा था कि ये कंपनियां कई गलत और इलीगल ट्रांजैक्शन में शामिल रही हैं। उन्होंने एमसीए से इन कंपनियों की जांच की मांग की थी। बीजेपी लीडर ने सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस से इन कंपनियों की जांच कराने की मांग भी की थी।

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