सीबीआई ने रेलमंत्री पवन कुमार बंसल के भांजे वी. सिंगला को रेलवे में प्रमोशन दिलाने के नाम पर रेलवे बोर्ड के मेंबर से 90 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है। ऐसी खबर है कि टॉप लेवल की पोस्ट को फिक्स करने के बदले सिंगला ने रेलवे बोर्ड मेंबर महेश कुमार से यह रिश्वत ली।
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि बंसल के भांजे वी. सिंगला को चंडीगढ़ में महेश कुमार के वाहक मंजूनाथ से 90 लाख रुपए नकद लेते हुए गिरफ्तार किया गया। कुमार को हाल में ही मेंबर (स्टाफ) के तौर पर प्रमोशन मिला है और वह मेंबर (इलेक्ट्रिकल) का लुभावना पद पाने का प्रयास कर रहे थे।
1975 बैच के इंडियन रेलवे सर्विस ऑफिसर, रेलवे बोर्ड मेंबर महेश कुमार को सीबीआई टीम ने दिल्ली से मुंबई आने के तुरंत बाद गिरफ्तार किया। सीबीआई ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है।
जिस अन्य व्यक्ति को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है उसका नाम संदीप गोयल है। बताया जा रहा है कि यह सौदा कराने में उसने मदद की। राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद बंसल बार-बार संपर्क किए जाने का प्रयास करने के बावजूद मीडिया से बचते रहे।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने दिल्ली, चंडीगढ़ और अन्य शहरों में छापेमारी की। गुप्त अभियान के तहत सीबीआई ने कुमार की गतिविधियों और फोन कॉल पर नजर रखी और रिश्वत के भुगतान के समय सिंगला को दबोच लिया।
सिंगला और मंजूनाथ को शहर में सीबीआई ऑफिस लाया गया जहां उन्हें हिरासत में रखा गया है।
कुमार पश्चिम रेलवे में महाप्रबंधक थे और उन्हें हाल में रेलवे बोर्ड मेंबर के तौर पर प्रमोशन मिला था। यह पद भारत सरकार के सचिव के बराबर है। कुमार इससे पहले, वेस्टर्न रेलवे में जीएम पद पर थे। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सिर्फ 36 घंटे के अंदर 'सबसे बड़े इंटरलॉकिंग रूट' को चालू करवाकर कुमार गिनेज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में नाम दर्ज करा चुके हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कुमार और सिंगला के अतिरिक्त सीबीआई ने गोयल और मंजूनाथ पर भी भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी के तहत कई धाराएं लगाई गई हैं।
माना जा रहा है कि इस गिरफ्तारी से रेलवे के अंदर एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हो सकता है। उधर, बीजेपी ने इस मामले में पवन कुमार बंसल को निशाने पर ले लिया है। उन्होंने बंसल का इस्तीफा मांगते हुए आरोप लगाया कि घूस उनके इशारे पर ली गई है।
वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि बंसल के भांजे वी. सिंगला को चंडीगढ़ में महेश कुमार के वाहक मंजूनाथ से 90 लाख रुपए नकद लेते हुए गिरफ्तार किया गया। कुमार को हाल में ही मेंबर (स्टाफ) के तौर पर प्रमोशन मिला है और वह मेंबर (इलेक्ट्रिकल) का लुभावना पद पाने का प्रयास कर रहे थे।
1975 बैच के इंडियन रेलवे सर्विस ऑफिसर, रेलवे बोर्ड मेंबर महेश कुमार को सीबीआई टीम ने दिल्ली से मुंबई आने के तुरंत बाद गिरफ्तार किया। सीबीआई ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया है।
जिस अन्य व्यक्ति को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है उसका नाम संदीप गोयल है। बताया जा रहा है कि यह सौदा कराने में उसने मदद की। राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद बंसल बार-बार संपर्क किए जाने का प्रयास करने के बावजूद मीडिया से बचते रहे।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने दिल्ली, चंडीगढ़ और अन्य शहरों में छापेमारी की। गुप्त अभियान के तहत सीबीआई ने कुमार की गतिविधियों और फोन कॉल पर नजर रखी और रिश्वत के भुगतान के समय सिंगला को दबोच लिया।
सिंगला और मंजूनाथ को शहर में सीबीआई ऑफिस लाया गया जहां उन्हें हिरासत में रखा गया है।
कुमार पश्चिम रेलवे में महाप्रबंधक थे और उन्हें हाल में रेलवे बोर्ड मेंबर के तौर पर प्रमोशन मिला था। यह पद भारत सरकार के सचिव के बराबर है। कुमार इससे पहले, वेस्टर्न रेलवे में जीएम पद पर थे। पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सिर्फ 36 घंटे के अंदर 'सबसे बड़े इंटरलॉकिंग रूट' को चालू करवाकर कुमार गिनेज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड में नाम दर्ज करा चुके हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कुमार और सिंगला के अतिरिक्त सीबीआई ने गोयल और मंजूनाथ पर भी भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम और आईपीसी के तहत कई धाराएं लगाई गई हैं।
माना जा रहा है कि इस गिरफ्तारी से रेलवे के अंदर एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हो सकता है। उधर, बीजेपी ने इस मामले में पवन कुमार बंसल को निशाने पर ले लिया है। उन्होंने बंसल का इस्तीफा मांगते हुए आरोप लगाया कि घूस उनके इशारे पर ली गई है।
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