Wednesday, May 29, 2013

दिल्ली मेट्रो को पड़ोसी राज्यों में मेट्रो लाइन बनाने का काम न सौंपा जाय


 दिल्ली मेट्रो को पड़ोसी राज्यों में मेट्रो लाइन बनाने का काम न सौंपने के शीला दीक्षित के लेटर का असर सबसे पहले नोएडा में मेट्रो के एक्सटेंशन प्लान पर पड़ सकता है। इस एक्सटेंशन प्लान के लिए हाल ही में यूपी सरकार की ओर से शहरी विकास मंत्रालय को अनुरोध भेजा गया था। हालांकि हरियाणा की मेट्रो लाइन के लिए भी प्रस्ताव विचाराधीन हैं लेकिन अभी उन प्रस्तावों पर कोई ठोस फैसला नहीं हुआ है लेकिन चूंकि नोएडा लाइन की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है, ऐसे में इसकी मंजूरी का काम लटक सकता है।

दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने केंद्र सरकार के मंत्री समूह के मुखिया रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी को पत्र लिखकर कहा है कि दिल्ली मेट्रो को पड़ोस के राज्यों की मेट्रो के निर्माण का काम न सौंपा जाए। शीला दीक्षित को आशंका है कि इसका असर दिल्ली में मेट्रो के निर्माण पर पड़ सकता है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन में चूंकि दिल्ली सरकार भी पचास फीसदी की हिस्सेदार है, इसलिए दिल्ली की सीमा से बाहर की मेट्रो परियोजनाओं के लिए भी उसकी मंजूरी जरूरी है।

शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अगर शीला दीक्षित की आपत्ति का मामला तूल पकड़ता है तो नोएडा सिटी सेंटर से नोएडा सेक्टर-62 तक जाने वाली 6.675 किमी की लाइन सबसे पहले प्रभावित होगी। इस लाइन के लिए पिछले साल ही दिल्ली मेट्रो ने डीपीआर बनाकर दी थी। अब यूपी सरकार ने इस लाइन पर खर्च होने वाले 1807 करोड़ रुपये के लिए भी फंडिंग पैटर्न भी लगभग तैयार कर लिया है। इसमें नोएडा अथॉरिटी और केंद्र सरकार दोनों ही पैसा देंगे। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि अगर दिल्ली सरकार इसकी मंजूरी नहीं देती तो इस पर काम आगे नहीं बढ़ सकता। लेकिन चूंकि बहादुरगढ़ और फरीदाबाद मेट्रो लाइनों को पहले ही मंजूरियां मिल चुकी हैं इसलिए इन पर फिलहाल असर पड़ने की संभावना नहीं है।

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