एक ही ट्रेन में 2nd AC का रेलवे टिकट 3rd AC के टिकट से कम में मिल सकता
है, वह भी कोई 10-20 रुपये नहीं, पूरे नौ सौ रुपये। चौंकिए
नहीं, यह कमाल है रेलवे की प्रीमियम ट्रेनों के लिए बनाए गए
डाइनामिक फेयर प्राइसिंग सिस्टम का। त्योहार पर दूर-दराज की जगहों से अपने घर आने
के लिए रेल आरक्षण की तलाश में यात्री इस ट्रेन से उस ट्रेन में सीटें ढूढ़ने के
लिए घंटों IRCTC की साईट खंगाल रहे हैं ताकि घर पहुंचने के लिए जगह मिल सके।
पर सामान्य ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट बड़ी लम्बी होने के कारण परेशान होकर व्यक्ति
ज्यादा किराए वाली प्रीमियम ट्रेनों में सीटें तलाशते हैं। वहां जगह तो मिल जाती
है क्योंकि इसमें वेटिंग का कोई विकल्प नहीं होता, कन्फर्म टिकट ही मिलता है।
हां, यदि आप स्मार्ट यात्री हैं तो 3rd AC से भी बहुत कम दाम में 2nd AC का टिकट ले सकते हैं! ऐसा ही
वाकया हुआ एक नामी आईटी कंपनी में काम करने वाले मंदसौर के इंजीनियर देवांश के
साथ।
दिवाली पर पुणे से विक्रमनगर (नीमच) आने के लिए रिजर्वेशन तलाश रहे देवांश ने जब 23.10.14 को प्रीमियम ट्रेन नंबर 04407 पुणे-निजामुद्दीन सिलेक्ट की, तब 2nd AC कोच में 179 सीटें उपलब्ध थीं और किराया 3115 रुपये। इसी ट्रेन के 3rd AC कोच में 154 सीटें उपलब्ध थीं और किराया था 2325 रुपये। साथ में एक चेतावनी यह थी कि बुकिंग के वक्त किराया बढ़ सकता है।
दिवाली पर पुणे से विक्रमनगर (नीमच) आने के लिए रिजर्वेशन तलाश रहे देवांश ने जब 23.10.14 को प्रीमियम ट्रेन नंबर 04407 पुणे-निजामुद्दीन सिलेक्ट की, तब 2nd AC कोच में 179 सीटें उपलब्ध थीं और किराया 3115 रुपये। इसी ट्रेन के 3rd AC कोच में 154 सीटें उपलब्ध थीं और किराया था 2325 रुपये। साथ में एक चेतावनी यह थी कि बुकिंग के वक्त किराया बढ़ सकता है।
चूंकि डाइनामिक फेयर प्राइसिंग सिस्टम में सीटें कम होने पर किराया बढ़ता जाता
है, लेकिन इससे कई बार किराए में
उल्टा अंतर भी आ जाता है जिससे ऊंची श्रेणी का रेलवे टिकट नीची श्रेणी के टिकट से
कम दाम में भी मिल सकता है।
किराए में इतने उलटे अंतर की जानकारी यात्री को तभी पता चलेगी जब वह टिकट के लिए जरुरी जानकारी मसलन नाम, उम्र, लिंग, बर्थ प्राथमिकता, चाहे गए भोजन का प्रकार, परिचय पत्र का क्रमांक, कैपचा और मोबाइल नम्बर भरने के बाद तीसरे पेज पर जाकर पेमेंट का विकल्प चुनेगा। तब पता चलेगा कि आपको वास्तविक किराया इस श्रेणी के लिए कितना ऐड करना है। फिर अंतर करने के लिए उसे दूसरी श्रेणी को सिलेक्ट करके वापस फिर यह सब दोहराना पड़ेगा। हो सकता है टिकट कम दाम में ही ऊंची श्रेणी का मिल जाए। पर यदि आप लकी हैं और फायदा लेना चाहते हैं तो इतना तो तलाशना ही पड़ेगा हो सकता है, आपको बड़ा फायदा भी हाथ लग सकता है।
किराए में यह उलटा अंतर रेलवे की डाइनामिक फेयर प्राइसिंग सिस्टम की एक बड़ी विफलता ही है। एक ही ट्रेन में एक थर्ड एसी में सफर करने वाले यात्री को सेकंड एसी (ऊंची श्रेणी) में यात्रा करने वाले यात्री की तुलना में ज्यादा किराया देना पड़ रहा है।
किराए में इतने उलटे अंतर की जानकारी यात्री को तभी पता चलेगी जब वह टिकट के लिए जरुरी जानकारी मसलन नाम, उम्र, लिंग, बर्थ प्राथमिकता, चाहे गए भोजन का प्रकार, परिचय पत्र का क्रमांक, कैपचा और मोबाइल नम्बर भरने के बाद तीसरे पेज पर जाकर पेमेंट का विकल्प चुनेगा। तब पता चलेगा कि आपको वास्तविक किराया इस श्रेणी के लिए कितना ऐड करना है। फिर अंतर करने के लिए उसे दूसरी श्रेणी को सिलेक्ट करके वापस फिर यह सब दोहराना पड़ेगा। हो सकता है टिकट कम दाम में ही ऊंची श्रेणी का मिल जाए। पर यदि आप लकी हैं और फायदा लेना चाहते हैं तो इतना तो तलाशना ही पड़ेगा हो सकता है, आपको बड़ा फायदा भी हाथ लग सकता है।
किराए में यह उलटा अंतर रेलवे की डाइनामिक फेयर प्राइसिंग सिस्टम की एक बड़ी विफलता ही है। एक ही ट्रेन में एक थर्ड एसी में सफर करने वाले यात्री को सेकंड एसी (ऊंची श्रेणी) में यात्रा करने वाले यात्री की तुलना में ज्यादा किराया देना पड़ रहा है।
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