रेलवे की फोर्थ लाइन शुरू होने का इंतजार और बढ़ गया है। 31 मार्च की डेडलाइन मिस होने के साथ नई डेडलाइन
जून 2013 तय की गई है। एक बदलाव यह है कि डेडलाइन बढ़ाने
के साथ ही टारगेट घटा दिया गया है। नया टारगेट पलवल से असावटी तय किया गया है।
पहले यह पलवल से बल्लभगढ़ तक था। सूत्र बताते हैं कि पलवल-असावटी के बीच कई काम
बाकी हैं, जिनकी अभी तक शुरुआत तक नहीं की गई है। इनमें
सबसे महत्वपूर्ण काम नॉन इंटरलाकिंग का है। नॉर्दर्न रेलवे के सीपीआरओ नीरज शर्मा
का कहना है कि फोर्थ लाइन पर लगातार काम किया जा रहा है। नई डेडलाइन जून अंत तय की
गई है। सबसे पहले अब पलवल से असावटी के फोर्थ लाइन को शुरू करने की कोशिश की
जाएगी। रेलवे की योजना तुगलकाबाद से पलवल तक फोर्थ लाइन बिछाने की है।
पलवल-असावटी के बीच रेलवे की चौथी लाइन बिछाने का काम पूरा हो गया है। पलवल स्टेशन पर इसके लिए बनाए गए नए पैनल पर टेस्टिंग की जा रही है। पलवल के बाद असावटी में टेस्टिंग का काम शुरू होगा। इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए पोल खड़े कर दिए गए हैं, लेकिन सिग्नल लगाए जाने हैं। फोर्थ लाइन पर सिग्नल सिर्फ उन्हीं जगहों पर लगाया जाएगा जहां क्रॉसिंग है। फोर्थ लाइन को दूसरी लाइनों से जोड़ने नॉन इंटर लाकिंग का काम किया जाना अभी बाकी है। इन सभी कामों को पूरा करने के लिए नई डेडलाइन के अनुसार तीन महीने बाकी हैं।
फोर्थ लाइन के शुरू होने का इंतजार सबसे ज्यादा लोकल यात्रियों को है। क्योंकि फोर्थ लाइन के बन जाने के बाद फोर्थ व थर्ड लाइन में से किसी एक लाइन को लोकल ट्रेनों के लिए डेडिकेट कर दिया जाएगा। इससे लोकल ट्रेनों के लेट होने की शिकायत नहीं होगी।
पलवल-असावटी के बीच रेलवे की चौथी लाइन बिछाने का काम पूरा हो गया है। पलवल स्टेशन पर इसके लिए बनाए गए नए पैनल पर टेस्टिंग की जा रही है। पलवल के बाद असावटी में टेस्टिंग का काम शुरू होगा। इलेक्ट्रिफिकेशन के लिए पोल खड़े कर दिए गए हैं, लेकिन सिग्नल लगाए जाने हैं। फोर्थ लाइन पर सिग्नल सिर्फ उन्हीं जगहों पर लगाया जाएगा जहां क्रॉसिंग है। फोर्थ लाइन को दूसरी लाइनों से जोड़ने नॉन इंटर लाकिंग का काम किया जाना अभी बाकी है। इन सभी कामों को पूरा करने के लिए नई डेडलाइन के अनुसार तीन महीने बाकी हैं।
फोर्थ लाइन के शुरू होने का इंतजार सबसे ज्यादा लोकल यात्रियों को है। क्योंकि फोर्थ लाइन के बन जाने के बाद फोर्थ व थर्ड लाइन में से किसी एक लाइन को लोकल ट्रेनों के लिए डेडिकेट कर दिया जाएगा। इससे लोकल ट्रेनों के लेट होने की शिकायत नहीं होगी।
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