इस माह के चौथे हफ्ते
संसद में पेश होने वाले प्रस्तावित रेल बजट में बिहार-झारखंड, पश्चिम बंगाल के साथ ही यूपी को कई नई ट्रेनों का
तोहफा मिल सकता है। एनआर के सबसे महत्वपूर्ण सेंटर माने जाने वाले वाराणसी-लखनऊ के
बीच इलेक्ट्रिफिकेशन हो जाने के बाद इस रूट के पैसेंजर रेल बजट से बहुत आस लगाए
बैठे है। वाराणसी-दिल्ली के बीच नई दुरांतो एक्सप्रेस और नई दिल्ली से लखनऊ के बीच
दूसरी नई शताब्दी एक्सप्रेस जैसी सुपरफास्ट ट्रेनों के चलाने का प्रस्ताव रेल
मंत्रालय के सामने है। वहीं लखनऊ होकर दिल्ली-कोलकाता के बीच ट्रेनों के चलाए जाने
की उम्मीद है। साथ ही लखनऊ-वाराणसी के बीच एक और इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन चलाई जाने
की योजना है।
इसी तरह दिल्ली से कोलकाता आने-जाने वाले लाखों रेल पैसेंजरों को आने वाले कुछ ही दिनों में राहत मिलने की उम्मीद है। इसका कारण यह है कि वाराणसी-लखनऊ के बीच इलेक्ट्रिफिकेशन हो जाने से पैसेंजरों को यात्रा में कम से कम तीन घंटे का समय बचेगा। साथ ही दिल्ली-इलाहाबाद मेन लाइन पर क्षमता से ज्यादा बढ़े लोड में एकदम से कमी आ जाएगी। इससे रूट पर चलने वाली ट्रेनों के अक्सर कई घंटे लेट होने की संभावना पर काफी हद तक अंकुश लग जाने की उम्मीद है।
एनआर लखनऊ के डीआरएम जगदीप राय ने बताया कि इलेक्ट्रिफिकेशन से दिल्ली-वाराणसी की दूरी काफी कम हो गई है। अभी ज्यादातर ट्रेनें कानपुर-इलाहाबाद, वाराणसी-मुगलसराय होकर आ-जा रही हैं। दिल्ली से आने वाली काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस और श्रमजीवी एक्सप्रेस जैसी ट्रेन ही मुरादाबाद-लखनऊ रूट पर आ-जा रही हैं। इस रूट पर कम से कम दो-ढाई घंटे की बचत होगी।
गरीब रथ लखनऊ-रायपुर के बीच हफ्ते में दो दिन चल रही है। उसी दौरान हफ्ते में दो दिन चलने वाली कानपुर-दुर्ग के बीच बेतवा एक्सप्रेस का सोमवार के दिन दोहराव रेल मंत्रालय की नजर में है। उम्मीद है कि सोमवार को चलने वाली इन दो ट्रेनों में किसी एक का दिन बदला जा सकता है। नई दिल्ली से कानपुर के बीच चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस को लखनऊ तक बढ़ाने का भी प्रस्ताव बताया गया है। इसी तरह कानपुर-दुर्ग के बीच बेतवा को भी लखनऊ तक बढ़ाया जा सकता है। वैसे योजना इस ट्रेन को गोरखपुर तक ले जाने की पहले से प्रस्तावित है। मेरठ की राज्यरानी एक्सप्रेस को अब वाराणसी तक चलाया जा सकता है। वहीं, झांसी से लखनऊ होकर एक सुपरफास्ट ट्रेन वाराणसी तक आने वाले समय में शुरू की जा सकती है।
इसी तरह दिल्ली से कोलकाता आने-जाने वाले लाखों रेल पैसेंजरों को आने वाले कुछ ही दिनों में राहत मिलने की उम्मीद है। इसका कारण यह है कि वाराणसी-लखनऊ के बीच इलेक्ट्रिफिकेशन हो जाने से पैसेंजरों को यात्रा में कम से कम तीन घंटे का समय बचेगा। साथ ही दिल्ली-इलाहाबाद मेन लाइन पर क्षमता से ज्यादा बढ़े लोड में एकदम से कमी आ जाएगी। इससे रूट पर चलने वाली ट्रेनों के अक्सर कई घंटे लेट होने की संभावना पर काफी हद तक अंकुश लग जाने की उम्मीद है।
एनआर लखनऊ के डीआरएम जगदीप राय ने बताया कि इलेक्ट्रिफिकेशन से दिल्ली-वाराणसी की दूरी काफी कम हो गई है। अभी ज्यादातर ट्रेनें कानपुर-इलाहाबाद, वाराणसी-मुगलसराय होकर आ-जा रही हैं। दिल्ली से आने वाली काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस और श्रमजीवी एक्सप्रेस जैसी ट्रेन ही मुरादाबाद-लखनऊ रूट पर आ-जा रही हैं। इस रूट पर कम से कम दो-ढाई घंटे की बचत होगी।
गरीब रथ लखनऊ-रायपुर के बीच हफ्ते में दो दिन चल रही है। उसी दौरान हफ्ते में दो दिन चलने वाली कानपुर-दुर्ग के बीच बेतवा एक्सप्रेस का सोमवार के दिन दोहराव रेल मंत्रालय की नजर में है। उम्मीद है कि सोमवार को चलने वाली इन दो ट्रेनों में किसी एक का दिन बदला जा सकता है। नई दिल्ली से कानपुर के बीच चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस को लखनऊ तक बढ़ाने का भी प्रस्ताव बताया गया है। इसी तरह कानपुर-दुर्ग के बीच बेतवा को भी लखनऊ तक बढ़ाया जा सकता है। वैसे योजना इस ट्रेन को गोरखपुर तक ले जाने की पहले से प्रस्तावित है। मेरठ की राज्यरानी एक्सप्रेस को अब वाराणसी तक चलाया जा सकता है। वहीं, झांसी से लखनऊ होकर एक सुपरफास्ट ट्रेन वाराणसी तक आने वाले समय में शुरू की जा सकती है।
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