कल हिन्दी दिवस है । इस दिन अनेकानेक सरकारी कार्यालयों मे हिन्दी के
कार्यक्रम होंगे । प्रश्न है कि क्या अब राजभाषा विभाग को वास्तविकता मे हिन्दी को राजभाषा बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए
। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस दिन अनेकानेक सरकारी कार्यालयों मे हिन्दी के कार्यक्रम
हिन्दी का साहित्य रूप प्रदर्शित करते है । राजभाषा विभाग का गठन हिन्दी को राजभाषा
के रूप मे विकसित करने और उसका इस्तेमाल सरकारी कार्यालयों मे बढ़ाने के लिए किया गया
था लेकिन आज सरकारी कार्यालयों मे यह नहीं हो रहा है । इसका आडिट होना चाहिए ।
Wednesday, September 12, 2012
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