Monday, January 4, 2016

ट्वीट और उससे मिलने वाली मदद को गलत साबित

ट्रेन से ट्वीट करने वाले यात्री की मदद करने के लिए रेलवे ने कभी बच्चे के लिए दूध पहुंचाया तो कभी यात्री की मदद भी की। यह बात तक सामने आई की यात्रियों के ट्वीट में सीधे रेल मंत्री सुरेश प्रभु नजर रखे हुए हैं, लेकिन शनिवार रात को जो हुआ, उनसे ट्वीट और उससे मिलने वाली मदद को गलत साबित कर दिया।
मुंबई से जबलपुर आ रही गरीब रथ के कोच नंबर 9 पर बैठे यात्री सिद्धार्थ मिश्रा ने रेल मंत्री को ट्वीट कर बताया कि कोच नंबर 9 की सीट नंबर 40 और 42 पर चीफ टिकट इंस्पेक्टर राजेश श्रीवास कई लोगों के साथ ट्रेन में शराब पी रहे हैं, तत्काल इस पर एक्शन लिया जाए, लेकिन इस ट्वीट पर रेलवे ने एक्शन नहीं लिया।
इस ट्वीट को भुसावल से इटारसी के बीच किया गया था। देर रात कोई भी रेल अधिकारी और कर्मचारी ट्वीट करने वाले पैसेंजर के पास नहीं पहुंचा। सुबह तकरीबन 6 बजे ट्रेन जबलपुर स्टेशन पहुंची, लेकिन इस दौरान ने एक भी रेल अधिकारी और कर्मचारी ट्रेन के पास नजर नहीं आया।

हालांकि रेलवे के इस रवैए ने एक बार फिर रेलवे की इस सुविधा की पोल खोल दी है। पिछले दिनों ट्वीट सुविधा का पैसेंजर को शानदार फीडबैक मिला, लेकिन गरीब रथ से की गई शिकायत पर एक्शन न होने पर सवाल खड़े हो गए

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