Monday, November 4, 2013

पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव की योजना सिरदर्द बन गई

रेलयात्रियों के लिए रविवार को पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव की योजना सिरदर्द बन गई। उनका स्लीपर का आरक्षण अपग्रेड होकर एसी में कंफर्म हो गया। ट्रेनें छूटने के घंटों बाद तक यात्रियों को इसकी जानकारी तक नहीं मिली जिससे एसी के कंडक्टर ने उन्हें चार्ट में 'नॉट टर्नअप' दिखा दिया। इससे वह बुरे फंस गए स्लीपर के कंडक्टर ने प्रतीक्षा सूची के यात्रियों को उनकी शायिकाएं दे दीं और एसी में उन्हें जगह लेने के लिए घंटों जद्दोजहद करनी पड़ी।
दिवाली के दौरान ज्यादातर ट्रेनों में सन्नाटा था। लेकिन गोरखपुर-अहमदाबाद स्पेशल, पुष्पक एक्सप्रेस, सहित लम्बी दूरी की कुछ ट्रेनों के स्लीपर क्लास में जगह फुल थी। उनके एसी दर्जे में शायिकाएं खाली रह गईं। करीब दर्जनभर ट्रेनों के सैकड़ों यात्रियों के टिकट अपग्रेड हो गए। इनमें से पहले से ही जागरूक यात्रियों ने तो अपग्रेड हुए टिकटों का फायदा उठा लिया लेकिन जिन्हें जानकारी नहीं थी उनके लिए यह सुविधा सिरदर्द बन गई।
गोरखपुर से अहमदाबाद के बीच चलने वाली अहमदाबाद एक्सप्रेस (19410) के दो दर्जन से अधिक यात्रियों को लखनऊ से ट्रेन में बैठने के बाद कानपुर तक टीटीई नहीं मिला। कानपुर में जब टीटीई एस-1 कोच में घुसा तो उसने कई यात्रियों को झिड़कना शुरू कर दिया। टीटीई ने उनसे व कई अन्य यात्रियों से कहा कि आपके टिकट अपग्रेड हो गए हैं थर्ड एसी में जाओ। इसके बाद उसने आरएसी व प्रतीक्षा सूची के यात्रियों को उनकी शायिकाएं आवंटित कर दीं। इसके पहले थर्ड एसी के कुछ यात्रियों के टिकट सेकेंड एसी में अपग्रेड हो चुके थे। इसी ट्रेन से अजमेर जाने के लिए एस एम राफे ने तत्काल दर्जे में स्लीपर क्लास के चार टिकट लिए थे। जिनका नम्बर एस-1 में 41, 42, 43 44 था। चार्ट बना तो उनके टिकट पर बी-1 कोच में 23, 24, 29 30 नम्बर आवंटित हो गई। राफे सहित कई यात्रियों के टिकटों पर पहले से ही कोच व बर्थ नम्बर पड़ा था इसलिए उन लोगों ने चार्ट पर नाम देखने की जहमत नहीं उठाई।

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