कानपुर से संस्कृत और हिंदी में डबल एमए।अच्छा परिवार।
लेकिन काम फिल्म 'बंटी-बबली'
की बबली जैसा। ट्रेनों में 28 चोरियों को
अंजाम देने वाली इस 'बबली' को पुलिस ने
उसके 'बंटी' के साथ आखिर धर दबोचा। मोनीसिंह उर्फ यासमीन (23) नाम की यह युवती लंबी दूरी की ट्रेनोंके एसी कोच में अपने पार्टनर मोहम्मद नौशाद उर्फ अहमदरजा (31) के साथ महंगे सामानों पर हाथ साफ करतीथी।इन वारदातों के लिए वह लखनऊ से दिल्ली आती थी। गुड़गांव सेक्टर 56 में रहने वाली स्नेहाअजमेरा (25) अपनी सास और हाउस कीपर के साथ पूजाएक्सप्रेस में जयपुर से लुधियाना जा रही थीं।रात में पुरानीदिल्ली रेलवे स्टेशन पर किसी ने एसी कोच में उनका हैंड बैगचोरी कर लिया। उसमें छह लाख रुपये कीमत की दो डायमंडचूड़ियां, 45 हजार रुपये का आईपॉड, 40 हजार रुपये कासेलफोन, अन्य मोबाइल फोन, तीन क्रेडिट कार्ड, आईडी प्रूफ, 20 हजार रुपये का प्राडा कंपनी का धूप का चश्मा और 20 हजार रुपये कैश था। स्नेहा ने एफआईआर दर्ज कराई।
डीसीपी (रेलवे) संजय भाटिया की टीम ने उस रात पूजा एक्सप्रेस के एसी कोच में सफर कर रहे यात्रियों केपीएनआर नंबरों से तहकीकात शुरू की। तत्काल का एक टिकट शास्त्री पार्क में एजेंट रवि ने इंटरनेट से बुककराया था। उसने पुलिस को बताया कि वह टिकट शास्त्री पार्क में रहने वाले अहमद रजा ने बुक कराया था। यहभी पता चला कि पिछले तीन महीने में अहमद रजा 28 टिकट खरीद चुका था। यह टिकट दिल्ली से झांसी,जम्मू, रतलाम, भोपाल, जयपुर आदि शहरों के लिए जम्मू राजधानी एक्सप्रेस, यूपी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस,मालवा एक्सप्रेस, पूजा एक्सप्रेस, बैंगलोर राजधानी आदि रेलगाड़ियों में बुक कराए गए थे।
डीसीपी (रेलवे) संजय भाटिया की टीम ने उस रात पूजा एक्सप्रेस के एसी कोच में सफर कर रहे यात्रियों केपीएनआर नंबरों से तहकीकात शुरू की। तत्काल का एक टिकट शास्त्री पार्क में एजेंट रवि ने इंटरनेट से बुककराया था। उसने पुलिस को बताया कि वह टिकट शास्त्री पार्क में रहने वाले अहमद रजा ने बुक कराया था। यहभी पता चला कि पिछले तीन महीने में अहमद रजा 28 टिकट खरीद चुका था। यह टिकट दिल्ली से झांसी,जम्मू, रतलाम, भोपाल, जयपुर आदि शहरों के लिए जम्मू राजधानी एक्सप्रेस, यूपी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस,मालवा एक्सप्रेस, पूजा एक्सप्रेस, बैंगलोर राजधानी आदि रेलगाड़ियों में बुक कराए गए थे।
पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि अहमद रजा के साथ यासमीन नामक महिला भी ट्रेनों में यात्रा करती है।इतनी बड़ी संख्या में यात्राओं की वजह साफ नहीं थी। आखिरकार संदिग्ध कपल को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन परपकड़ा गया। दोनों उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में एसी कोच में जम्मू के लिए रवाना होने वाले थे।
डीसीपी (क्राइम ब्रांच) एस. बी. एस. त्यागी के मुताबिक मुलजिमों के असली नाम मोनी सिंह उर्फ यासमीन (23)और मुहम्मद नौशाद उर्फ अहमद रजा (31) हैं। मोनी सिंह लखनऊ के चारबाग की रहने वाली है।
किशनगंज (बिहार) का निवासी नौशाद शास्त्री पार्क में रहता है। इन्होंने बताया कि फर्जी नामों पर दोनों एसीकोच में यात्रा करते थे, क्योंकि इन कोच में रईस यात्रियों का महंगा सामान होने की उम्मीद रहती थी। रात मेंयात्रियों के सोने के बाद दोनों उनके महंगे सामान और खास तौर पर लेडीज हैंडबैग चुराते थे। मोनी सिंह को इसमाल में से हिस्सा मिलता था। चोरी से मिले माल से नौशाद ने शास्त्री पार्क में फ्लैट खरीद लिया था। वह चोरीका हिस्सा अपनी पत्नी इस्मत के बैंक खाते में जमा कराता था। इन दोनों से स्नेहा अजमेरा का सामान बरामद हो गया।
डीसीपी (क्राइम ब्रांच) एस. बी. एस. त्यागी के मुताबिक मुलजिमों के असली नाम मोनी सिंह उर्फ यासमीन (23)और मुहम्मद नौशाद उर्फ अहमद रजा (31) हैं। मोनी सिंह लखनऊ के चारबाग की रहने वाली है।
किशनगंज (बिहार) का निवासी नौशाद शास्त्री पार्क में रहता है। इन्होंने बताया कि फर्जी नामों पर दोनों एसीकोच में यात्रा करते थे, क्योंकि इन कोच में रईस यात्रियों का महंगा सामान होने की उम्मीद रहती थी। रात मेंयात्रियों के सोने के बाद दोनों उनके महंगे सामान और खास तौर पर लेडीज हैंडबैग चुराते थे। मोनी सिंह को इसमाल में से हिस्सा मिलता था। चोरी से मिले माल से नौशाद ने शास्त्री पार्क में फ्लैट खरीद लिया था। वह चोरीका हिस्सा अपनी पत्नी इस्मत के बैंक खाते में जमा कराता था। इन दोनों से स्नेहा अजमेरा का सामान बरामद हो गया।
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