उत्तरी और दक्षिणी कश्मीर को जोड़ने वाली 119 किलो मीटर लम्बी रेल पटरी की सुरक्षा के लिए भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। दो दिनों पूर्व श्रीनगर शहर के बाहरी हिस्से में अलगाववादियों ने रेल पटरी के एक हिस्से को बम से उड़ा दिया था। अलगाववादियों ने सोमवार को नौगाम के वानाबल में एक विस्फोट कर दिया था, जिसके चलते रेल पटरी का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था। रेलवे के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मुबारक ए.गनी ने कहा, 'जम्मू और कश्मीर सरकारी रेलवे सुरक्षा बल (जेएंडके जीआरपीएफ) के 1,100 से अधिक जवानों को दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड रेलवे स्टेशन से उत्तर कश्मीर के बारामूला रेलवे स्टेशन तक 119 किलोमीटर लम्बी रेल पटरी पर तैनात किया गया है।' गनी ने कहा कि घाटी में छह रेल पुलिस थाने और नौ पुलिस चौकियां हैं। डीआईजी गनी ने कहा, 'इसके अलावा केंदीय रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और रेलवे प्रोटेक्शन सिक्युरिटी फोर्स (आरपीएसएफ) के जवानों को भी घाटी में तैनात किया गया है। आरपीएफ और जेएंडके जीआरपीएफ का नेतृत्व कमांडेंट स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। आरपीएफ जवानों को रेलगाड़ियों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है और वे बंकरों का प्रबंधन और रेल पटरियों से लगे टॉवर्स की भी निगरानी कर रहे हैं।' गनी ने कहा, 'राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और दो उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) को जे एंड केजीआरपीएफ के 1,100 से अधिक जवानों के नियंत्रण की जिम्मेदारी दी गई है।' गनी ने कहा, 'सुरक्षा की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए हमारे पास लगभग 800 जवानों की कमी है, जिसे अगले दो-तीन महीनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। हमने पूरी पटरी की सुरक्षा पहले ही बढ़ा दी है और किसी भी विध्वंसक कोशिश को नाकामयाब करने के लिए पूरे बंदोबस्त किए गए हैं।'
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